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घुसपैठ मामला: फर्जी पासपोर्ट से आया था भारत, बीएसएफ ने किया खुलासा

Update: 2017-11-03 00:00 GMT


जोधपुर। सीमा पार कर भारत आए पाकिस्तानी हसन खां ने फर्जी कहानी रची थी। वह फर्जी पासपोर्ट से भारत आया था। इससे पहले उसके बॉर्डर पार कर भारत आने के बारे में कहा गया था। इस पाकिस्तानी के मामले में बीएसएफ ने अब नया खुलासा किया है। बीएसएफ के राजस्थान सीमान्त के जोधपुर स्थित मुख्यालय में आईजी अनिल पालीवाल ने जैसलमेर जिले में नौ अक्टूबर को पकड़े गए हसन खान पुत्र पीरू खान के मामले में नया खुलासा किया है।

उन्होंने दावा किया कि हसन खां फर्जी पासपोर्ट के जरिए वाघा बॉर्डर से बाकायदा वीजा हासिल कर भारत आया है। अपना फर्जी पासपोर्ट छुपाने के लिए उसने आईबी व पुलिस के समक्ष सीमा पार कर भारत में प्रवेश करने की फर्जी कहानी गढ़ी। बीएसएफ की पूछताछ में अब इसकी हकीकत सामने आई है। उन्होंने कहा कि हमारी चौकसी में किसी प्रकार की कमी नहीं है। हसन खां वास्तव में जैसलमेर के शाहगढ़ बल्ज इलाके के शिफ्टिंग सैंड्यून्स वाले क्षेत्र से भारत नहीं आया, जैसा कि उसने पहले आईबी को बताया था। हसन खान ने पाकिस्तान में फर्जी तरीके से पासपोर्ट हासिल किया और इस क्षेत्र में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से मिलने के नाम पर वीजा भी हासिल कर लिया। इस वीजे के आधार पर वह वाघा बॉर्डर से भारत पहुंचा। वाघा बॉर्डर पर लगे सीसी टीवी फुटेज में उसके भारत आने की पुष्टि हुई है। अब उसके पासपोर्ट की जांच कर पता लगाया जा रहा है कि फर्जी पासपोर्ट पर किस तरह वीजा जारी कर दिया गया। हसन खान ने पूर्व में बताया था कि 27 बरस पूर्व सीमा पार कर पाकिस्तान आना-जाना बहुत आसान था। अब तारबंदी के कारण कुछ मुश्किल आती है। ऐसे में पाकिस्तान में कुछ लोग पांच हजार रुपए में सीमा पार कराने का काम करते है। ऐसे ही एक गिरोह ने उसे शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र में शिफ्टिंग सैंड्यून्स के क्षेत्र से भारत में प्रवेश करा दिया। इस क्षेत्र में न केवल प्रवेश कराया बल्कि भारतीय सीमा में एक किलोमीटर अंदर तक छोडऩे भी उसके साथ एक आदमी आया। भारतीय क्षेत्र में रास्तों को जानने वाला हसन आराम से अपने गांव पहुंच गया।

घटना से लिया सबक

आईजी अनिल पालीवाल बताया कि इस घटना से सबक लेते हुए अब सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले ऐसे लोगों का पूरा रिकॉर्ड तैयार कराया जाएगा जिनके रिश्तेदार पाकिस्तान में भी रहते हैं। ताकि इनके पाकिस्तान जाने या वहां से यहां आने वालों पर पूरी नजर रखी जा सके। इसके लिए पुलिस के सहयोग से रिकार्ड तैयार कराया जाएगा।

यह है मामला

सम क्षेत्र के सियालो की ढाणी निवासी हसन खान पुत्र पीरू खान की बहन की शादी पाकिस्तान में हो रखी है। वर्ष 1990 में में बहनोई की तबीयत खराब होने की सूचना मिलने पर वह सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया। उस समय तारबंदी नहीं होने के कारण सीमा पार करना बहुत आसान रहा। पाकिस्तान के अमरकोट के खड़ाऊ गांव में हसन खान आराम से 27 साल तक रहा। उसने वहीं पर शादी कर अपना घर बसा लिया। खासियत की बात यह रही कि इस दौरान एक बार भी पाकिस्तान में उससे किसी ने पूछताछ नहीं की। उसके पास पासपोर्ट तक नहीं है। हसन खान के माता-पिता की तबीयत खराब होने की सूचना मिलने पर अप्रेल में हसन खान एक बार फिर सीमा पार कर भारत आ गया। छह माह से यहां रहने के दौरान वह गुजरात भी हो आया। खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक पड़ी। इसके बाद उस पर निगाह रखी गई और गिरफ्तार कर लिया गया।

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