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राष्ट्रपति रामनाथ बोले - देश के विकास में गीता का अहम योगदान

Update: 2017-11-25 00:00 GMT

कुरुक्षेत्र/नई दिल्ली। हरियाणा सरकार कुरुक्षेत्र में पहली बार कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता विचार गोष्ठी का आयोजन किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को इसका उद्घाटन किया। राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रपति का कुरुक्षेत्र की धरा पर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश राज्यपाल आचार्य देवव्रत, हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर, प्रदेश के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रामविलास शर्मा, आचार्य ज्ञानेंसर और गुजरात से स्वामी परमात्मानंद शामिल हुए।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'मुझे कहा गया है कि यहां बहुत से स्कॉलर ने विदेशों से आकर यहां हिस्सा लिया है। मैं सभी का यहां स्वागत करता हूं। राष्टपति के रूप में हरियाणा की ये मेरी पहली यात्रा है। गीता महोत्सव में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। मेरा मानना है कि देश के विकास में गीता का योगदान अहम है। श्रीकृष्ण की जन्मभूमि ही मेरी भी जन्मभूमि (उत्तर प्रदेश) है।'

राष्ट्रपति ने कहा, 'गीता शब्द स्त्रीलिंग इसलिए रखा गया कि शायद इसके पीछे कल्पनाकर का उद्देश्य नारी शक्ति को बढ़ावा देने का रहा होगा। हरियाणा की बेटियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के माध्यम से लिंग अनुपात में बड़े स्तर पर कमी आई है। हरियाणा प्रदेश ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संतोष यादव, साक्षी मलिक, कल्पना चावला, गीता फोगाट, मानुषी छिल्लर जैसी बेमिसाल बेटियां दी हैं। जिन्होंने हरियाणा और देश का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया हैं। ये सभी गीता के कर्मयोग का जीवंत उदहारण हैं।'

राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहानी के माध्यम से बताया कि गीता किस तरह व्यक्ति के मन के द्वंद को समाप्त कर 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का भाव उतपन्न करती है। उन्होंने कहा, 'गीता की प्रासंगिकता हर युग में है। ब्लूव्हेल जैसे खेल और मानसिक द्वंद को दूर करने की आध्यात्मिक औषधि है। गीता के सन्देश को सबको अपनाने की आवश्यकता हैं।'

हरियाणा राज्यपाल कप्तान सिंह सोंलकी ने कहा, 'गीता महोत्सव पिछले कई दिनों से जारी है यह तीन दिसम्बर तक चलेगा लेकिन आज से इसकी औपचारिक शुरुआत हुई है। देश में जिस डिजिटलाइजेशन की बात की जाती है उसमें गीता को सम्मिलित नहीं किया गया, उसके ज्ञान को शामिल नहीं किया गया तो ये डिजिटल ज्ञान बेकार हो जाएगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश के ए-प्लस विश्वविद्यालय में से एक बन गया है। 21वीं शताब्दी में शांति, सहिष्णुता का संदेश देना बहुत आवश्यक था जो केवल गीता से ही दिया जा सकता है। श्रीकृष्ण जी की मूर्ति का निर्माण यहां के प्रत्येक जिले से मिट्टी लेकर किया जाएगा, जिसका उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत करेंगे।'

हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा, 'गीता जीवन का सार है। गीता का उपदेश श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में ही दिया था। ये पूरे विश्व के लिये उपयोगी है इसलिए गीता जयंती को हम अंतराष्ट्रीय स्तर पर मना रहे हैं। राष्ट्रपति महोदय यहां आए, उसके लिये पूरे हरियाणा की ओर से उनका हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। अब तक राजनीतिज्ञों के लिए गीता नहीं लिखी गईं थी, जिसे मैंने स्वामी ज्ञानानंद जी से लिखने का आग्रह किया है। उन्होंने अब तक 10 पुस्तकें गीता पर लिखी है।' खट्टर ने डिजिटल शब्द का जिक्र करते हुए कहा, 'इसका असली अर्थ दिल में गीता से है। गीता जैसा ग्रन्थ हमारे जीवन में अभूतपूर्व सुधार ला सकता है। देश को भ्रष्टाचार मुक्त बना सकता है।

यूके से आए प्रतिनिधि डेविड फोलिन ने कहा, 'कुरुक्षेत्र योग की गीता की धरती है। यहां भगवान कृष्ण कण-कण में मौजूद हैं। मां सरस्वती स्वयं इस धरती पर विराजमान हैं।'

सतपाल सिंह ने कहा, 'गीता में कहीं भी हिन्दू नाम का जिक्र नहीं है। ये सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए है, जो सभी का मार्ग प्रशस्त करती है। कुरुक्षेत्र में गीता भवन बनने जा रहा है इसके लिए प्रदेश सरकार बधाई की पात्र है।'

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा, 'श्री मद्भागवत गीता का उदय आज से 154 हजार वर्ष पहले हुआ था। मगर पिछले 2-3 सालों में जिस तरह से गीता महोत्सव मनाया जाने लगा, इससे पूरे विश्व को पता चला कि कुरुक्षेत्र में ही ये हुआ था। आज के भौतिक वाद के बढ़ते प्रभाव के बीच विकास का कैसे संतुलन बनाया जाये, इसका जिक्र भी गीता में है। गीता में समय प्रबंधन, शरीर प्रबंधन का भी बाकायदा जिक्र है। प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गई स्मार्ट सिटी योजना, बिना स्मार्ट सिटिज़न बनाये बेकार है। ऐसे में गीता ही है जो स्मार्ट सिटिज़न बनाती है ताकि लोग स्मार्ट सिटी में रहने योग्य बन सके।'

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