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धरती के घूमने की रफ्तार हुई कम, अगले साल तक आ सकते है ‘विनाशकारी भूकंप’

Update: 2017-11-22 00:00 GMT

नई दिल्ली। पृथ्वी की परिक्रमण गति (अर्थ रोटेशन) में आ रही कमी के कारण 2018 में उष्णकटिबंधीय इलाकों में कई विनाशकारी भूकंप आने की आशंका है। यह दावा अमेरिकी शोधकतार्ओं ने जियोलॉजिकल सोसायटी आॅफ अमेरिका की वार्षिक बैठक में पेश शोध में किया है। उन्होंने पिछली सदी में पृथ्वी की परिक्रमण गति काफी धीमी होने की पांच-पांच साल की कई समयावधि की पहचान की। इन समयावधि के बाद ही बड़ी संख्या में विनाशकारी भूकंप दर्ज किए गए। उनके मुताबिक इस बार यह समयावधि करीब चार साल पहले शुरू हो चुकी है इसलिए 2018 अति संवेदनशील रह सकता है। भारत भी उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र में स्थित होने से खतरे की जद में है।

चौंकाने वाले नतीजे आए सामने

उन्हें पांच ऐसी समयावधि मिली जब सामान्य समय के मुकाबले बड़ी संख्या में भूकंप आए। इन अवधि में सालाना 25 से 30 भूकंप आए जबकि सामान्य समय में 15 भूकंप आए। शोध में इन अवधि में हुई भूकंपीय गतिविधि और अन्य कारकों के बीच संबंध खोजा गया। इस पर पृथ्वी की परिक्रमण गति धीमी होने की अवधि के बाद बड़ी संख्या में भूकंप आने के प्रमाण मिले। पिछली सदी में पांच साल की ऐसी कई समयावधि के बारे में भी पता चला जब पृथ्वी की परिक्रमण गति कई बार काफी धीमी हुई। इन्हीं अवधि के बाद अधिक भूकंप आए।

पृथ्वी के कोर में होता है बदलाव

पृथ्वी की परिक्रमण गति धीमी होने से पृथ्वी के कोर में बदलाव होता है। इससे पृथ्वी पर भूकंपीय गतिविधियां बढ़ जाती हैं। सामान्य तौर पर पृथ्वी 24 घंटे में सूर्य की परिक्रमा करती है और स्थिर तारों की परिक्रमा 23 घंटा, 56 मिनट और चार सेकंड में करती है। पृथ्वी पर पड़ने वाले चांद के ज्वारीय प्रभाव के कारण समय-समय पर परिक्रमण गति धीमी होती रहती है। यह कमी कुछ मिलीसेकंड प्रतिदिन के हिसाब से होती है। इसकी गणना परमाणु घड़ियों द्वारा होती है।

भूकंप और परिक्रमण गति पर शोध

यूनिवर्सिटी आॅफ कोलोराडो के रोजर बिल्हैम और यूनिवर्सिटी आॅफ मोंटाना के रेबेका बेंडिक ने यह शोध किया है। दोनों ने वर्ष 1900 के बाद सात या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप और इसी दौरान पृथ्वी की परिक्रमण गति में आई कमी का अध्ययन किया।

अगला साल चिंताजनक

शोधकतार्ओं के मुताबिक इस बार पृथ्वी की परिक्रमण गति धीमी होने की सामयिक प्रक्रिया चार साल से भी पहले शुरू हो चुकी है। इसके चलते अगले साल कई बड़े और विनाशकारी भूकंप आ सकते हैं। इनकी संख्या 20 के आसपास हो सकती है।

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