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जैविक ईंधन पर भारत समेत 19 देशों की सहमति

Update: 2017-11-18 00:00 GMT

बॉन। ग्लोबल वार्मिंग और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जैविक ईंधन के ही इस्तेमाल करने पर भारत समेत 19 देशों ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण परिवर्तन वार्ता में सहमति जताई है। वहीं, समृद्ध विकसित देशों ने इसी सम्मेलन में एकजुट होकर कोयले से बिजली बनाना बंद करने की शपथ ली है।

उन्होंने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग 2 डिग्री सेल्सियस से कम पर ही सीमित करने के लिए विकसित देशों को हर हालत में वर्ष 2030 कर कोयले से मुक्त होना होगा। बाकी दुनिया में कोयले का इस्तेमाल बंद करने को सन 2050 तक की समयसीमा तय की गई है। भारत और अन्य 18 देशों ने शुक्रवार को जैव ईंधन पर आश्रित अर्थव्यवस्था बनाने पर बल दिया। यह देश दुनिया की आधी आबादी और 37 फीसद अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं। कोप23 नाम के संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण परिवर्तन सम्मेलन बायोजनित ऊर्जा के मंच पर भारत, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, मिस्र, फिनलैंड, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, मोरक्को, मोजांबीक, नीदरलैंड्स, पैरागुए. फिलीपींस, स्वीडन, ब्रिटेन और उरुगवे शामिल हैं।

जीवाश्म ईंधन में सबसे अधिक गंदे और प्रदूषित कोयले से अब भी विश्व की 40 फीसद बिजली बनती है। समस्या अब तक यही रही कि जो देश पूरी तरह से कोयले से अपनी निर्भरता खत्म भी कर सकते थे, वह भी 'नो कोल' कहने से बच रहे थे। लेकिन अब अमेरिका ने शुक्रवार को खत्म हुई 12 दिनों की वार्ता में शिरकत करके कहा है कि वह 'स्वच्छ जीवाश्म ईंधन' के विकास को बढ़ावा देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऊर्जा और पर्यावरण सहायक मंत्री जार्ज डेविड बैंक्स ने कहा कि इस समस्या का हल रेत में मुंह छिपाने से नहीं होगा। वैश्विक ऊर्जा प्रणाली की असलियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कनाडा और ब्रिटेन के मंत्रियों के नेतृत्व में कई विकसित देशों ने यह तय किया है कि वह कार्बनडाईआक्साइड केउत्पादन को वातावरण में कम करने के लिए कोयले की परियोजनाओं से दूर रहेंगे। ब्रिटेन की मंत्री क्लेयर पैरी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में कोयले का इस्तेमाल बहुत कम हो गया है। जुलाई 2012 तक बिजली बनाने में कोयले का इस्तेमाल 40 फीसद तक कम हो गया। इस समझौते पर दस्तखत करने वाले अन्य देशों में आस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, कोस्टा रिका, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, इटली, मेक्सिको, नीदरलैंड्स और न्यूजीलैंड हैं।

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