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ऑड-इवन को वापस लेकर केजरीवाल सरकार ने अपनी विफलता स्वीकारी

Update: 2017-11-11 00:00 GMT

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि ऑड-इवन (सम-विषम) वाहन प्रणाली को वापस लेकर केजरीवाल सरकार ने अपनी प्रशासकीय विफलता स्वीकारी है। उन्होंने इस फैसले को केजरीवाल सरकार की यू-टर्न नीति का ताजा उदाहरण करार दिया है।

मनोज तिवारी ने शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दिल्ली की प्रशासकीय व्यवस्था पूरी तरह ठप्प है और यह दुखद सत्य है कि दिल्ली किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने एनजीटी के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि प्राधिकरण ने दिल्ली की स्थिति को पूरी तरह समझा है। यह सत्य है कि दिल्ली में दोपहिया वाहन भी प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं पर केजरीवाल सरकार जानबूझ कर इस सच्चाई को अस्वीकार करती रही।

महिला सुरक्षा का हवाला देकर दिल्ली सरकार द्वारा ऑड-इवन के फैसले को वापस लेने की कड़ी आलोचना करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि यह बड़ी हैरानी की बात है कि यदि आप ऐसी व्यवस्थाएं नहीं कर सकते हैं तो आपको मुख्यमंत्री की गद्दी छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार प्रदूषण रोधी पूर्व व्यवस्था करने में पूरी तरह असफल रही और संकट बढ़ने पर सरकार ने लगातार बचकाने कदम उठाये। ऑड-इवन वाहन प्रणाली लागू करने की घोषणा में जल्दबाजी की पर उसके लिए आवश्यक वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने पर कोई ध्यान नहीं दिया। सभी को मालूम है कि डी.टी.सी. का बस बेड़ा पूरी तरह चरमरा गया है, दिल्ली में सिर्फ 1800 बसें डी.टी.सी. बसें सड़कों पर चल रही हैं और ऐसे में सरकार की निःशुल्क यात्रा की बचकाना घोषणा केवल राजनीति से प्रेरित थी। बेहतर होता सरकार बजाय राजनीति करने के दिल्ली की सड़कों पर अन्य राज्यों से या निजी क्षेत्र की बसों को डी.टी.सी. के रूटों पर चलाने पर ध्यान देती।

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