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राष्ट्रपति कोविंद ने कहा - बुजुर्गों का सम्मान हमारी परम्परा

Update: 2017-10-09 00:00 GMT

नई दिल्ली। भारत के महामहिम राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद ने आज सोमवार को वयोश्रेष्ठ सम्मान 2017 प्रदान किए। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देशभर के चुने हुए 22 व्यक्तियों और संस्थाओं को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। इनमें 17 व्यक्तित्वों को देश के अलग-अलग राज्यों से चुना गया, जो किसी न किसी रूप में या विधा में समाज के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही पांच संस्थाओं की भी पुरस्कार प्रदान किया गया। शतवर्षीय श्रेणी में पहला सम्मान केरल से आए 101 वर्षीय केमॉन्चेरी कुनिरमान नायर को दिया गया। वे सौ साल की आयु पार करने के बावजूद आज भी कथकली, भरतनाट्यम और अष्टपदि नृत्य की शिक्षा देते हैं। 95 साल की उम्र में तेज चाल की प्रतियोगिता में भाग लेने वाली अरविंद विष्णुकांत दवे को भी शतवर्षीय सम्मान प्रदान किया गया।

इस अवसर पर देश के पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं और वरिष्ठ जनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद ने कहा कि आप सबके द्वारा प्रस्तुत किए गए आदर्श से समाज में आशावाद और उत्साह का संचार होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति के साथ तादात्मय स्थापित करके जीवन जीने की कला हम भारतीयों की परम्परा का अंग है। इसी तरह घर-परिवार में बुजुर्गों की सेवा और सम्मान भी हमारे समाज जीवन का अटूट अंग है। आज कहीं-कहीं अपने परिवार और उनके बुजुर्गों के प्रति संवेदनहीनता का भाव दिखता है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें कभी उनकी अवहेलना नहीं करनी चाहिए, जिन्होंने हमें किसी भी रूप में जीवन प्रदान किया है। राष्ट्रपति ने भारतीय संस्कृति की विशेषता बताते हुए कहा कि केवल हमारी ही संस्कृति अपने और अपने देश के लिए ही नहीं, विश्व के कल्याण के लिए जीने का मंत्र सिखाती है।

इस अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि वयोश्रेष्ठ सम्मान के बारे में अभी जागरुकता का अभाव है। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्रविष्टियां आएं। बहुत प्रयासों के बाद पहली बार 13 श्रेणी में से 11 श्रेणी के 22 लोगों और संस्थाओं को सम्मान के लिए चुना गया।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1990 में अन्तरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने का निर्णय लिया था। तबसे प्रतिवर्ष एक अक्टूबर को यह सम्मान प्रदान किया जाता है। भारत में इसकी शुरुआत 2005 से हुई है। इस साल वरिष्ठ नागरिकों के अतिरिक्त उनकी सेवा में लगी संस्थाओं के लिए वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब, उज्जैन की जिला पंचायत, नागदा की नगर पालिका और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्यों के लिहाज से वरिष्ठ नागरिकों को सुविधा प्रदान करने में केरल पहले स्थान पर रहा। पुरस्कार में अलग अलग श्रेणियों में ढ़ाई लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

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