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तीर्थ विकास परिषद ने उड़ा दी गैर सरकारी संस्थाओं की नींद

Update: 2017-10-04 00:00 GMT

 -उपाध्यक्ष शैलजाकांत के तल्ख तेवरों से खलबली, खुल रही हैं पुरानी  फाइलें
-सेवा का ढोंग कर सरकारी धन लूटने वालों को मीडिया के सामने देनी पड़ रही है सफाई
मथुरा। यमुना कार्य योजना और ब्रज के विकास के नाम पर सरकार और दानदाताओं से धन ऐंठ रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के संचालकों की रातों की नींद उड़ गई हैं। तीर्थ विकास परिषद के गठन के बाद से ही ये एनजीओ बेचैन हैं। इन्हें एक तरफ पूर्व में किये गये घोटालों की कलई खुलने का भय सता रहा है तो दूसरी ओर सेवा के ढोंग के कार्य में भविष्य भी खतरे में नजर आ रहा है।

ब्रज में अनेक गैर सरकारी संगठन सक्रिय है। इनका कनेक्शन विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, मंत्रियों तथा पूर्व मंत्रियो एवं अन्य प्रभावशालियों से है। ये संगठन ब्रज में विकास, पौराणिक स्थलों के सौंदर्यीकरण, यमुना की सफाई, पौधारोपण सहित कई कार्यों के लिये देश और विदेश में रह रहे श्रद्धालुओं से चंदा लेते हैं। ब्रज में आस्था रखने वाले भक्तों, अप्रवासी भारतीयों तथा ब्रज की संस्कृति से मोह रखने वाले विदेशी भक्तों के सामने अपनी गतिविधियों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करते हैं। दूसरी ओर सरकार को अपनी सेवाओं का स्तर दिखाकर सरकारी धन भी वसूलते हैं। ऐसे एनजीओ संचालकों को अब मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ रही है।

योगी सरकार ने ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन कर एक तीर से कई शिकार किये हैं। बोर्ड के गठन के बाद एक तरफ सरकारी विभागों में तालमेल के अभाव में होने वाली फिजूल खर्ची पर समन्वय के माध्यम से रोक लगाई जायेगी। वहीं सहायता के रूप में सरकारी धन ऐंठ रहे गैर सरकारी संगठनों की प्रत्येक गतिविधियों पर भी कड़ी निगरानी की जा सकेगी।

केंद्र सरकार और योगी सरकार ब्रज को विकास की सौगात देना चाहते हैं साथ ही ये भी सुनिश्चत कर लेना चाहते हैं कि न तो सरकारी धन की बंदरवाट हो और न ही धनराशि का दुरुपयोग हो सके। ये ही वजह है बोर्ड के उपाध्यक्ष के तौर पर रिटायर्ड आईपीएस और तेजतर्रार ईमानदार अधिकारी शैलजाकांत मिश्रा को चुना गया है।

पहली ही बैठक में दिखाये थे तेवर

तीर्थ विकास परिषद के गठन के बाद परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा ने वृंदावन शोध संस्थान में पहली बैठक बुलाई थी। इसमें सभी विभाग के अफसरों के साथ ही सभी गैर सरकारी संगठन, धार्मिक ट्रस्ट के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। इसमें उन्होंने एनजीओ से दो टूक कह दिया था जो धन कमाने के लिये इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं उन्हें ऐसे संगठनों से कोई सहयोग नहीं लेना है।

बैठक में मौजूद रहे एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शैलजाकांत मिश्रा के तल्ख तेवरों ने कई गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के चेहरों पर हवाइयां उड़ा दी थीं। इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने पिछली सरकारों में सत्ता से सांठगांठ कर सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया है।

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