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मन की पवित्रता पर ही राम की प्राप्ति संभव

Update: 2017-10-11 00:00 GMT

-मुरार रामलीला प्रांगण में चल रही श्रीराम कथा का चौथा दिन
ग्वालियर। भगवान के स्थान और नाम पर गलत कार्य करने से भगवान राम की प्राप्ति कभी नहीं हो सकती है। राम जीवन है, इसको बहुत ही सहज तरह से जीया जा सकता है। राम को जीने से हमें सुख की प्राप्ति होती है। राम को जीना ही मर्यादा को जीना है। यह प्रवचन राष्ट्र संत मां कनकेश्वरी देवी ने मंगलवार को रामलीला मैदान मुरार में चौथे दिन राम कथा सुनाते हुए व्यक्त किए।

रामकथा की शुरूआत पोथी पूजन से की गई। मां कनकेश्वरी देवी ने श्री राम कथा का वर्णन करते हुए  बताया कि जो व्यक्ति अपने जीवन में अनियंत्रित होता है उसे आगे रोना ही पड़ता है। मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि राम कथा के माध्यम से हम राम को जीने का प्रयास करते हैं। जब तक हम अपने मन, विचार और आत्मा को शुद्ध नहीं करेंगे तब तक राम का सुख नहीं मिल सकता है। मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि हमें राम बनने की कोशिश नहीं करना चाहिए, हमें केवल अपने मन की शुद्धि करना करना चाहिए। मन की शुद्धि और राम के स्मरण से हमें सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति अपने आप हो जाती है। मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि हमारा शरीर ऐसी मिट्टी है जिससे आप सोना, चांदी और हीरे-जवाहरात तक प्रकट कर सकते हैं लेकिन शरीर को सजाने के लिए और शुद्ध करने के लिए सिर्फ राम का नाम ही काफी है। मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि मन को अगर शुद्ध करना है तो हमें राम कथा को सुनना होगा। राम कथा राम को प्राप्त करने का बहुत ही सरल साधन है। राम कथा का स्मरण करने से हमें राम का दर्शन अवश्य ही प्राप्त होगा। मां कनकेश्वरी देवी ने उपस्थित लोगों को बताया कि हमारी ऊँचाई बढ़ने का मतलब यह कतई नहीं होना चाहिए कि हम लोगों को परेशान करें। हमें अपनी ऊँचाई के साथ विचार को उच्च करते हुए सभी की सहायता करनी चाहिए। इस सहायता से हमें भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है और हमारे जीवन में सुख के द्वार खुल जाते हैं।

इन्होंने की आरती

केन्द्रीय मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर की पत्नी किरण सिंह, पुत्र देवेन्द्र प्रताप सिंह, कुलपति लवली शर्मा, विधायकगण प्रहलाद भारती ,पोहरी, रमेश खटीक करैरा, महापौर अशोक अर्गल मुरैना,सभापति राकेश माहौर, शैलेन्द्र बरुआ,अनूप भदौरिया, महावीर सिसौदिया, अरविंद अग्रवाल, पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, पूर्व विधायक संध्या राय, भीकम सिंह सेंगर, महेश उमरैया एवं राजू सेठ आदि ने  पोथी पूजन तथा आरती कर कथा श्रवण किया।

महापुरुषों के घर में राम नहीं होते

मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि महापुरुषों के घर में राम नहीं होते, लेकिन उनके जीवन में राम होते हैं। अत: हमें भी अपने जीवन में राम को पूर्ण रूप से उतारना होगा तभी हमें राम की प्राप्ति हो सकेगी।  मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि जबान पर लगा घाव जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन जबान से दिया गया घाव जल्दी ठीक नहीं होता इसलिए सदैव वाणी पर नियंत्रण करना चाहिए। श्री राम कथा में मां कनकेश्वरी देवी ने  शिव द्वारा सती का त्याग, शिव की समाधि, सती का दक्ष यज्ञ में जाना, श्रीराम का शिव जी से विवाह के लिए अनुरोध, शिव की बारात, शिव विवाह आदि का  चित्रण प्रस्तुत किया।

गुरु हमारे लिए लाभदायक हैं

मां कनकेश्वरी देवी ने राम कथा में कहा कि हमें गुरू की हर बात का स्मरण करना चाहिए। हमें गुरू का हर कहना मानना चाहिए। गुरू ही एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हमें कल्याण की बातें बताते हैं। उन्होंने कहा कि गुरू हमारे लिए बहुत लाभकारी होते हैं।

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