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देवउठनी एकादशी के बाद भी नहीं बजेगी शहनाई

Update: 2017-10-11 00:00 GMT

-गुरू और शुक्र के अस्त होने से शादियों में रहेगा अवरोध
ग्वालियर। इस वर्ष दीपावली के बाद आने वाली देव उठनी एकादशी के बाद भी मांगलिक कार्य शुरू नहीं हो सकेंगे। इतना ही नहीं गुरू व शुक्र अस्त होने के कारण शेष वर्ष में विवाह आदि मांगलिक कार्योंे के लिए लोगों को केवल बीस दिन ही मिलेंगे। गुरू और शुक्र के अस्त होने एवं मलमास  होने के कारण इस वर्ष लम्बे समय तक शादियां रूकी रहेंगी। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार ऐसा इसलिए होगा क्योंकि ज्योतिष गणनाओं में सूर्य का वृश्चिक राशि में प्रवेश लगभग 17 नवम्बर को होता है।  सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश के साथ ही शादी-विवाह शुरू हो जाते हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 11 नवम्बर को गुरू उदय होने के बाद शादी विवाह शुरू होंगे।

मलमास के बाद अस्त होंगे शुक्र:-ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 14 दिसम्बर के बाद मलमास लगेगा और 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास खत्म हो जाएगा।

अबूझ मुहूर्त में हो सकता है विवाह

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अबूझ मुहूर्त के अंतर्गत देव उठनी ग्यारस एवं बसंत पंचमी के दिन अति आवश्यक होने एवं सलाह के उपरांत ही विवाह कराए जा सकते हैं।

किस माह होंगी कितनी शादी
- नवम्बर माह में 19, 23, 28, 29 एवं 30 तारीख को।
-दिसम्बर माह में 01, 03, 04, 10, 11 एवं 13 तारीख को।
-फरवरी 2018 में 06, 07, 17 एवं 20 तारीख को।
-मार्च माह में 03, 06, 08 एवं 12 तारीख को।

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