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गर्दन में दर्द को न करें नजरअंदाज

Update: 2017-10-01 00:00 GMT

स्वदेश वेब डेस्क। गर्दन में होने वाले दर्द को आमतौर पर लोग नजरअंदाज करते हैं, हम आपको आज बता दें कि ये लगातार लंबे समय तक कंप्यूटर या लैपटॉप पर बैठे रहना, बेसिक या मोबाइल फोन पर गर्दन झुकाकर देर तक बात करना और फास्ट-फूड्स व जंक-फूड्स का सेवन, इस मर्ज के होने के कुछ प्रमुख कारण हैं।लेकिन कई बार यह दर्द गंभीर होने पर पूरे जीवनशैली को प्रभावित कर देता है। पिछले कई सालों से सर्वाइकल स्पॉडिलाइसिस के रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

गौरतलब है कि गर्दन की तकलीफ को फौरन मेडिसीन और फिजियोथेरेपी की मदद से दूर कराने की कोशिश करनी चाहिए। लेटलतीफी से परेशानी बढ़ सकती है। इसके अलावा खाने में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा अधिक लेनी चाहिए।

- गठिया के रोगी या फिर ध्रुमपान करने वालो में यह समस्या बढ़ती है।
- पूरी नींद नहीं लेना, उंचे तकिया पर सोना, लेटकर पढ़ना, टीवी देखना और घंटों कंप्यूटर पर काम करने से बढ़ता है स्पॉडिलाइसिस।
- लंबे समय से निरंतर गाड़ियों का परिचालन करते रहने से गर्दन की समस्या बढ़ रही है।
- गलत ढंग से शारीरिक काम करना, अधिक बोझ उठाने से भी परेशानी आती है।
- दुर्घटना के दौरान गंभीर चोट या हडि्डयों में खराबी आने से स्पॉडिलाइसिस की बीमारी बढ़ती है।
- खाने में कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन करने से गर्दन के रोग की समस्या दूर होती है।

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