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नकली मुद्रा को चलन से बाहर करना नोटबंदी का उद्देश्यः जेटली

Update: 2017-01-07 00:00 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दूसरे दिन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आर्थिक प्रस्ताव के तहत नोटबंदी पर बताया कि यह अब तक कितनी बार हुआ है। प्रस्ताव पर अपना मत रखते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि,इसके पीछे सरकार का नकली करंसी को प्रचलन से हटाना था। उन्होंने नोटबंदी के बाद उपजे हालात और जनता की तकलीफों का भी जिक्र करते हुए कहा कि सरकार लगातार लोगों को हो रही समस्याओं को लेकर गंभीर थी और प्रयासरत थी। जेटली ने कहा कि भाजपा ने देश को एक नेतृत्व दिया है जो भविष्य की सोच रखता है और देश, पार्टी और स्वयं को आखिरी छोर पर रखता है। सरकार ने कई ऐसे नियम, कानून और समझौतों को बदला जिनसे समस्या आ रही थी।

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दोहरे कराधान को लेकर तीन देशों के साथ समझौता हुआ। बेनामी संपत्ति कानून को सरकार ने मजबूती प्रदान की। अब इससे कालाधन रखने वालों को दंडित करना संभित है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में पिछली और वर्तमान एमनेस्टी स्कीम में अंतर को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि सरकार के पास धन आया है और इससे सरकार अब विकास के काम कर सकती है। कालाधन के खिलाफ लड़ाई पर भी उन्होंने बारीकी से अपनी बात कही। वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस साहसिक कदम के लिए भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास हिम्मत के साथ सहनशीलता भी होनी चाहिए ताकि धैर्य के साथ लोगों की समस्या का समाधान किया जा सके। आर्थिक प्रस्ताव के पक्ष में अपनी राय रखते हुए तमाम नेताओं ने सरकार को बधाई दी। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों में बंगाल को छोड़कर राजस्व बढ़ा है। नोटबंदी पर शंका करने वालों को जवाब उन्होंने आंकड़ो से दिया है। उन्होंने कहा कि 84 लाख लोगों ने बताया कि उनकी आय 10 लाख से अधिक है । भीम ऐप्प पर उन्होंने कहा कि 5 लाख डाउनलोड हुआ।

 

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