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सांस्कृतिक, सामाजिक सौहार्द के बिना विकास संभव नहीं: नकवी

Update: 2017-01-17 00:00 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि देश में सांस्कृतिक एवं सामाजिक सौहार्द देश की तरक्की का ‘पासवर्ड’ है और इसके बिना विकास सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है। नकवी ने यहां विज्ञान भवन में राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक सौहार्द और ताने-बाने को मजबूत बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है तथा किसी भी नकारात्मक एजेंडे को विकास के एजेंडे पर हावी नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार के समावेशी विकास के संकल्प के कारण ही आज देश भर में समाज के सभी वर्गों सहित अल्पसंख्यकों में भी‘विकास और विश्वास’का मजबूत माहौल तैयार हुआ है। मोदी सरकार हर गरीब की आंखो में खुशी और उसकी जिंदगी में खुशहाली के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के लगभग 32 महीनों के कार्यकाल में सांप्रदायिक घटनाओं में भारी कमी आई है और एक भी बड़ी सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि सरकार की‘तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण की नीति’के कारण समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ अल्पसंख्यक भी तेजी से प्रगति की मुख्यधारा का हिस्सा बन रहे हैं। नकवी ने बताया कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 2013-14 में उसे 2638 शिकायतें मिली थीं जबकि 2014- 15 में 1995 शिकायतें मिलीं।

2015-16 में आयोग को 1974 और 2016-17 में (31 दिसंबर 2016 तक) 1288 शिकायतें मिलीं। 2016-17 में प्राप्त 1288 शिकायतों में से 1209 मामलों का निपटारा कर दिया गया है। इनमे से अधिकांश शिकायतें सामान्य एवं व्यक्तिगत विवाद से जुड़ी थी। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि इस प्रकार की एक भी घटना न हो, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द के ताने-बाने को किसी भी हालत में नुकसान पहुंचे।

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