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जल ही नहीं जन के भी हितैषी शिवराज

Update: 2017-01-17 00:00 GMT

*नर्मदा तट पर शराब बंदी की लगाई मुहर
*नमामि नर्मदा सेवा यात्रा
*नर्मदा के किनारे रहने वाले लोगों का जीवन बदलना तय

भोपाल| प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल ने सोमवार को मुख्यमंत्री की नर्मदा सेवा यात्रा के निष्ठा भाव पर नर्मदा तट पर शराब बंदी कर मुहर लगाई। कैबिनेट में आज पारित एक निर्णय में नर्मदा के पांच किलोमीटर के दायरे में शराब बंदी करने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री नर्मदा सेवा यात्रा के जरिए जहां एक तरफ पर्यावरण और जल संवर्द्धन की चिंता कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उनके इस निर्णय से नर्मदा के तटीय इलाकों में रहने वाले जन मानस से शराब को दूर करने का यह प्रयास उनकी जन के प्रति चिंता को प्रदर्शित करता है। समाज में समरसता लाने के लिए प्रेम आधार है, इसके लिए मन को ताकतवर होना चाहिए उसकी चंचलता निर्णयों को अस्थिर करती है लेकिन मुख्यमंत्री दृढ़ निश्चयी है, उनका मन प्रकृति और समाज प्रेम से परिपूर्ण है। जिसके कारण नर्मदा के किनारे रहने वाले लोगों का जीवन बदलना तय लगता है। ऋषियों का जप-तप पल में व्यर्थ चला जाता है, अगर उसमें त्याग और मन की निर्मलता का भाव न हो।

मुख्यमंत्री की नर्मदा सेवा यात्रा मन, त्याग और प्रेम की निर्मल भावना से ओत-प्रोत है। जनता का उन पर विश्वास इसका आधार है। प्रेम भी विचित्र रूप में होता है। माता-पिता, स्त्री-पुरुष, दौलत-शौहरत के रूप में किन्तु आवश्यक नहीं है कि इन सबके हित पूरे हों। हित पूरे न होने पर इनके प्रेम से आनंद की प्राप्ति नहीं हो सकती। मुख्यमंत्री यहां इन सबसे से अलग हटकर वास्तविक प्रेम जनता से जुड़ने और उसकी सेवा करने में कर रहे है। समस्त प्रकृति प्रेम स्वरूप है, मुख्यमंत्री ने इस भाव को अपनी सेवा में शामिल किया। जिस तरह से वृक्ष नि:स्वार्थ फल देता है, नदी जल देती है। वह हमारी प्रेरणा बनती है। मुख्यमंत्री मन से चाहते है कि जल संवर्द्धन के लिए नर्मदा जैसी पवित्र नदी के लिए जनआंदोलन खड़ा हो। उसी प्रकार उसके तटों पर शराब बंदी कर जन की भी चिंता की है।

फिलहाल प्रदेश में सरकार के खजाने में नोटबंदी के बाद धन की कमी नहीं है। कालाधन वापसी से राजस्व आय बढ़ी है। खजाने में पुराने कर्जदारों ने भी नोटबंदी के दौरान कर्ज अदायगी की है। मानसून भी प्रदेश की जनता के साथ है, हो सकता है कि मुख्यमंत्री ने जन को बचाने का प्रण इसलिए लिया हो कि बुरे व्यसनों से बचाया जाए। उनके अच्छे स्वास्थ्य की चिंता श्री चौहान को है। ऐसा निर्णय इसलिए भी लेना पड़ा कि जब जन स्व नियंत्रण से बाहर है तो मुख्यमंत्री ने ऐसा जनहितैषी निर्णय लिया। मुख्यमंत्री का यह निर्णय प्रदेश की जनता के लिए लाभकारी होगा। मुख्यमंत्री के इस संदेश से प्रदेश में  जन संवर्द्धन के साथ जन सरंक्षण भी होगा।

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