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अमर नाथ शिक्षण संस्थान में श्रद्धा से मनायी गयी स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती

Update: 2017-01-13 00:00 GMT

मथुरा। अमर नाथ शिक्षण संस्थान में युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। अमर नाथ विद्या आश्रम तथा अमर नाथ गल्र्स डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानन्द के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया तथा उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया।

अमर नाथ शिक्षण संस्थान के चेयरमैन डा. आदित्य कुमार वाजपेयी ने सभी को शुभकामनायें देते हुये अपने संदेश में कहा कि वे खुले विचारों के व्यक्ति थे। उन्होंने युवाओं को जागृत करने का अभियान चलाया था।

स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के अवसर डा. अनिल वाजपेयी ने कहा कि विद्यार्थी स्वामी विवेकानन्द के जीवन से प्रेरणा ले तथा अपने अच्छे कार्यों द्वारा देश को गौरवान्वित करें।

इस अवसर पर विद्यालय के शैक्षणिक प्रभारी डा. अनुराग वाजपेयी ने बच्चों को बताया कि 12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानन्द बचपन से अत्यन्त कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। माता-पिता के संस्कारों और धार्मिक वातावरण के कारण उनके मन में बचपन से ही ईश्वर को जानने और उसे प्राप्त करने की लालसा थी।

शिक्षिका डा. नीता गर्ग ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने अपने गुरू के वचनों का जीवन भर पालन किया। उन्होंने 39 वर्ष की अल्पायु में युवाओं को मानव सेवा का महत्व बताते हुये कहा था कि आज लाखों लोग दु:खों के बंधनों में जकड़े हुये हैं, उन्हें इस बन्धन से मुक्त कराना ही सन्यासी का सच्चा कर्तव्य है और यदि भगवान के दर्शन करने हो तो भगवान स्वरूप मनुष्यमात्र की सेवा करो। इस अवसर पर डा. मीता, डा. रजनी सक्सेना, डा. मधुबाला शर्मा, पवन भारद्वाज, सुनील तिवारी, अनुराग शर्मा सहित सभी शिक्षक विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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