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एक हजार दो और घर बैठे गरीबी का राशन कार्ड लो

Update: 2017-01-01 00:00 GMT

दलाल बनवा रहे गरीबी रेखा का कार्ड,प्रशासन नहीं लगा पा रहा अंकुश


ग्वालियर|
आपको गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनवाना है तो इसके लिए कई माह भटकने,परेशान होने और नियम कायदें पूरे करने के बाद ही मिलेगा,लेकिन चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र में स्थित लोकसेवा केन्द्र या जनमित्र केन्द्र में हर समय रहने वाले दलाल आपको एक हजार रूपए में महज कुछ दिन में घर बैठे राशन कार्ड पहुंचा देगा। जिले में गरीबों के राशन कार्ड बनाने का कार्य लोकसेवा केन्द्र या जनमित्र केन्द्र में नहीं बल्कि दलाल करा रहे हैं। नगर निगम और एसडीएम कार्यालय से लेकर गरीबी का राशन कार्ड बनवाने के दौरान परेशानी झेलने वाले गरीब अंत में थक हार कर अपनी मेहनत की कमाई देकर सिर्फ 50 रुपए में बनने वाला राशन कार्ड लगभग एक हजार दलाल को देकर बनवा रहा है।
Full View Full View Full View Full View Full View सूत्र बताते हैं कि  शहर और ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दलाल गरीबी का राशन कार्ड बनाकर सरकारी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर दलालों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहा है।

जनमित्र केन्द्र से लेकर एसडीएम कार्यालय तक दलाल हावी:- गरीबी रेखा सूची में नाम जुड़वाने के लिए लोकसेवा केन्द्र या जनमित्र केन्द्र से लेकर पटवारी और तहसीलदार से लेकर एसडीएम कार्यालय तक दलाल हावी हंै। हालात यह हैं कि गरीबों को सुविधा पहुंचाने शासन द्वारा शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लेने गरीबों को दलालों का सहारा लेना पड़ रहा है। इसके लिए पात्र लोग कई बार चक्कर लगाकर नियम पूरे करने के बाद आवेदन देते हैं,लेकिन उनके आवेदन बिना किसी कारण के रद्द कर दिए जा रहे हैं। मजबूरन लोगों को दलालों का सहारा लेना पड़ रहा है। यही हाल सभी एसडीएम और तहसीलदारों के दफ्तरों में हैं, जिसमें दलालनुमा चेहरों का आना-जाना बेधडक़ हो रहा है। यह सब संबंधित अधिकारी की मौन सहमति से ही धड़ल्ले से हो रहा है।

एक हजार में घर बैठे कार्ड दे रहे दलाल
बताया जाता है कि महीनों पहले आवेदन करने के बावजूद गरीबों का राशन कार्ड नहीं बन रहा है, जबकि उनके घर के पास रहने वाले आर्थिक रुप से सक्षम परिवार का देखते ही देखते राशन कार्ड दलाल घर पर दे जाते हैं।

जिलाधीश ने जारी की है प्रक्रिया
*आवेदक जनमित्र केंद्र या लोकसेवा सेवा गारंटी केंद्र से निशुल्क आवेदन भरकर शपथ पत्र, निवास का प्रमाण, मुखिया के आधार कार्ड की छाया प्रति व फोटो सहित शासन द्वारा निर्धारित शुल्क के साथ जमा करे।
*अजा व अजजा के आवेदकों को स्टाम्प शुल्क की छूट है। ऐसे आवेदको को शपथ पत्र वाटर पेपर पर तैयार कर प्रस्तुत करना होगा।
*आवेदन पर टीसी,पटवारी,राजस्व निरीक्षक की जांच और अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पात्र पाए जाने पर गरीबी रेखा की सर्वे सूची में जोडऩे को देते हंै।
*इस आधार पर नगर निगम,जनपद पंचायत आवेदक का सर्वे सूची क्र मांक जारी करती है।
*आवेदन जिला मुख्यालय के नगरीय क्षेत्र में सहायक आपूर्ति अधिकारी व तहसीलदार गरीबी रेखा राशन कार्ड तैयार कर सबंधित जनमित्र केंद्र/लोकसेवा केंद्र के माध्यम से आवेदक को प्रदान कराते है।
*आवेदक अपात्र होने पर निरस्त आवेदन की 30 दिन में प्रथम अपील जिलाधीश और द्वितीय अपील संभाग आयुक्त के यहां कर सकता है।
कर्मचारी बात नहीं करते
सूत्रों की मानें तो जो आवेदक दलाल के माध्यम से नहीं आता है। उससे लोकसेवा केन्द्र या जनमित्र केन्द्र का कर्मचारी सीधे मुंह बात करने को तैयार नहीं होता। बताया जाता है कि इन केन्द्रों की जांच निष्पक्ष रूप से हो जाए तो सैंकड़ों मामले मिल जाएंगे। जिनमें गरीब लोग महीनों से चक्कर लगा रहे हैं,लेकिन उन्हें आज तक राशन कार्ड नहीं मिल सका है। जबकि दलाल को पैसे देने के बाद कुछ दिन पहले के आवेदकों को राशन कार्ड मिल चुका है।

घेर लेते हैं दलाल
लोकसेवा केन्द्र या जनमित्र केन्द्र में गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने आए आवेदक को काफी देर तक तो यह समझ ही नहीं आता कि उसे संपर्क कहां करना है। इस दौरान उसे कार्यालय में दलाल घेर लेते हैं। वो आवेदक को गलत सलाह देकर गलत जानकारी आवेदन में भरवा देते हैं। इधर जांच के लिए आए राजस्व निरीक्षक या पटवारी उसे गरीब मानने से इंकार कर देता है।

इनका कहना है

दानाओली निवासी दीपक सेन ने बताया कि वह नई सडक़ स्थित नगर-निगम कार्यालय में गरीबी का राशन कार्ड बनवाने गया था। वहां एक व्यक्ति उनके पास आकर बोला कि अधिकारी आपका राशन कार्ड बनाने में एक से दो महीना लगा देंगे और बार-बार कागजों के नाम पर परेशान भी करेंगे। मैं आपका राशन कार्ड तीन दिन में बनवा दूंगा, लेकिन इसमें एक हजार का खर्च आएगा।

शिन्दे की छावनीनिवासी कल्लो देवी घरों में काम करती हैं ने  बताया कि कई बार मानसिक चिकित्सालय के सामने वाले नगर-निगम के जनमित्र केन्द्र में गरीबी का राशन कार्ड बनवाने के लिए परेशान हो रही हूं। वहां कार्ड बनवाने के सात सौ रूपए मांगते हैं। मैं कहां से लाउंगी इतने पैसे।

इन्होंने कहा
अगर कोई भी सरकारी फीस के अलावा राशन कार्ड बनवाने के लिए रिश्वत की मांग करता है तो वह हमसे शिकायत कर सकता है। हम उस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। इसके साथ ही मैं जांच के निर्देश भी दूंगा।

डॉ.संजय गोयल, जिलाधीश

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