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16 साल बाद मनेगा 11 दिन का नवरात्र महोत्सव

Update: 2016-09-24 00:00 GMT

आदि शक्ति जगत जननी मां जगदम्बा की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र उत्सव इस बार 11 दिन का होगा। ज्योतिषीय गणना और तिथि के अनुसार इस बार नवरात्र में एक तिथि का दो दिनों तक प्रभाव बन रहा है। यह संयोग 16 साल बाद बन रहा है, जब नवरात्र महोत्सव 11 दिनों तक चलेगा...


ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी ने बताया कि ज्योतिष की गणना, तिथि पर की जाती है। तिथि के अनुसार ही सभी धार्मिक व्रत एवं त्योहार मनाने का शास्त्रों में वर्णन है। वैसे तो नवरात्र नौ दिन में समाप्त हो जाता है और दशवें दिन विजयादशमी को दशहरा मनाया जाता है, लेकिन इस बार द्वितीया तिथि दो दिन तक रहेगी, जिससे नवरात्र में होने वाली नौ देवियों का पूजन 10 दिन तक चलेगी और 11वें दिन 11 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी, इसलिए नवरात्र का पर्व 11 दिन तक चलेगा। ऐसा ही संयोग 16 वर्ष पूर्व सन् 2000 में भी बना था।

मां के नौ रूपों की पूजा का महत्व
नवरात्रि में मां आदि शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों के पूजन का विधान है। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी ने बताया कि प्रथम दिवस मां शैलपुत्री, द्वितीय ब्रह्मचारिणी, तृतीय चन्द्रघंटा, चतुर्थ कूष्मांडा, पंचम स्कंध माता, षष्ठम कात्यायनी, सप्तम कालरात्रि, अष्टम महागौरी एवं नवमी को मां सिद्धिदात्री का विशेष पूजन-अर्चन किया जाता है।

मंदिरों में तैयारियां शुरू
नवरात्र नजदीक आते ही शहर के सभी देवी मंदिरों में नवरात्र पूजन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विशेष रूप से बड़ी चन्द्रबदनी नाका, छोटी वैष्णो देवी, मांढरे की माता, नहर वाली माता, शीतला मंदिर सहित तमाम मंदिरों में साफ.-सफाई कर रंग-रोगन किया जा रहा है।

 

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