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देश का बढ़ाया मान- सचिन श्रीवास्तव

Update: 2016-08-20 00:00 GMT

देश का बढ़ाया मान

*सचिन श्रीवास्तव

खेलों की दुनिया में भारतीय महिलाओं के लिए शुक्रवार का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। इसका श्रेय भी जाता है पीवी सिंधु को जिसने रियो ओलम्पिक में शानदार खेल का प्रदर्शन कर फायनल में प्रवेश किया और 120 साल के ओलम्पिक इतिहास में रजत पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई। आज सवा सौ करोड़ भारतवासियों को इस बात से भी बेहद राहत मिली कि रियो ओलम्पिक की पदक सूची में उनके हिस्से सिर्फ एक मात्र कांस्य ही आया था। पीवी सिंधु ने आज भारत के नाम रजत भी जोड़ दिया। भले ही सिंधु ने फायनल मुकाबला हारा लेकिन इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि इस भारतीय महिला ने जीत के लिए कोई कोर-कसर छोड़ी।

नि:संदेह यह जानते हुए भी उनके सामने दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी हैं। पीवी सिंधु ने जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया और अंतिम दौर तक गजब की चपलता दिखाई। उनके शानदार खेल का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने शानदार शुरूआत करते हुए पहला सेट न केवल 21-19 से जीता बल्कि जबरदस्त मनोवैज्ञानिक दबाव में ला दिया। जिन्होंने इस मुकाबले को देखा उन्होंने साफ तौर पर यह महसूस किया कि केरोलिना मारिन किस तरह बौखला रही थीं और इस दबाव में रैफरी ने उन्हें तीन बार चेतावनी भी दी थी। एक बार तो वे इस कदर तनाव में आ गई कि उनका पैर तक चोटिल होते-होते बचा हालांकि केरोलिना मारिन ने दूसरा सेट (21-12) और तीसरा सेट (21-15) से जीतकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर दी लेकिन सिंधु ने आखिर तक भारत की उम्मीदों जगाए रखा। पहले साक्षी और अब सिंधु ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की बेटियां देश का मान-सम्मान बढ़ाने सदैव आगे रही हैं। पहले कांस्य और अब रजत दिलाकर इन बेटियों ने देश का दिल जीत लिया है।

बैडमिंटन का स्वर्ण भले ही स्पेन की केरोलिना मारिन ने २-१ से जीता लेकिन सिंधु ने रजत पदक जीत कर सवा सौ करोड़ भारतवासियों का दिल जीत लिया है। सिंधु ने खेल भावना का भी परिचय दिया जैसे ही मारिन ने विजयी शॉट लगाया वह कोर्ट पर बैठ गईं और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। सिंधू गजब की खेल भावना दिखाते हुए उनके पास गईं और उन्हें गले से लगा लिया।

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