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पिछले दो साल में एलपीजी सिलिंडर की सब्सिडी छोड़ने से हुई 21,000 करोड़ की बचत

Update: 2016-07-21 00:00 GMT

पिछले दो साल में एलपीजी सिलिंडर की सब्सिडी छोड़ने से हुई 21,000 करोड़ की बचत


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम के तहत एलपीजी सिलिंडर की सब्सिडी छोड़ने और इसके पैसे सीधे लाभार्थियों के बैंकों में डालने से 21 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।  
 
पिछले दो साल के अंदर बचाए गए इस धनराशि का बड़ा हिस्सा जाली, नकली और निष्क्रीय घरेलू एलपीजी कनेक्शनों को खत्म करने के बाद प्राप्त हुआव है। इन कनेक्शनों में 3.34 करोड़ से ज्यादा डीबीटी स्कीम लागू होने के बाद बंद हो गए।
 
सरकार के आकलन के मुताबिक, वर्ष 2014-15 में औसतन 368.72 रुपये प्रति सिलिंडर की दर से लागू सब्सिडी के मद्देनजर 3.34 करोड़ गलत ग्राहकों को करीब 14,818.4 करोड़ रुपये गए होंगे। यह आकलन हर परिवार को एक साल में सब्सिडी वाले कुल 12 सिलिंडर मिलने के आधार पर किया गया है। इसी तरह साल 2015-16 में 6,443 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
 
ऑइल मिनिस्ट्री की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि एलपीजी के लिए डीबीटी स्कीम लागू होने से इन 3.34 करोड़ एलपीजी कनेक्शनों को बंद करना संभव हो सका है क्योंकि सब्सिडी सिर्फ उन्हीं ग्राहकों के खातों में ट्रांसफर हुई जिन्होंने पंजीकरण करवाया हुआ था और जिन्हें फर्जी नहीं पाया गया।

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