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फिर बिगड़े उत्तर प्रदेश के हालात

Update: 2016-06-08 00:00 GMT

फिर बिगड़े उत्तर प्रदेश के हालात

उत्तर प्रदेश के हालात ठीक नहीं हैं। अखलाक के घर में गौमांस पाये जाने की पुष्टि होने के बाद तो हालात और भी असामान्य होते जा रहे हैं। इधर मथुरा में जवाहर बाग में हुई घटना ने तो सरकार की पोल खोल कर रख दी है। अच्छा है कि उत्तर प्रदेश सरकार की यह पोलें उस समय खुल रही हैं, जबकि वहां अगले साल चुनाव होने वाले हैं। कम से कम उत्तर प्रदेश की भोली भाली जनता के सामने सरकार की सच्चाई तो आ गई। मुख्यमंत्री अपनी पार्टी व सरकार के दिनरात गुणगान कर जनता को भ्रमित करने में लगे हुए थे, जनता भी यह नहीं समझ पा रही थी कि जिन विकास कार्यों की दुहाई देकर मुख्यमंत्री अपने गुणगान कर रहे हैं, उसके पीछे की सच्चाई क्या है। अखलाक की मौत की सच्चाई सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार बेनकाब हो चुकी है। यदि सरकार उस समय यह नहीं छिपाती कि अखलाक के घर में गौमांस ही पक रहा था तो शायद अखलाक की मौत भी नहीं होती लेकिन इस पूरी सच्चाई को छिपाया गया और यह अफवाह फैला दी गयी कि वहां गौमांस के स्थान पर बकरे का मांस था। यहां तक कि सरकार ने जो रिपोर्ट पेश की उसमें भी सच पर परदा डाला गया।

अब सच्चाई सामने आने के बाद भी सरकार इस मामले में लीपापोती करने में लगी हुई है और इससे जनाक्रोश बढ़ रहा है। सरकार अब इस मामले में मुंह में गुड़ डालकर बैठ गई है। जिस अखलाक के परिवार के घर में गौमांस पकाया गया था, उन लोगों के खिलाफ अभी भी सरकार कार्रवाई करने से पीछ हट रही है। अभी भी मामले में पुलिस अखलाक की हत्या करने वालों की तो जांच कर रही है लेकिन जिन लोगों ने गौहत्या कर कानून का उल्लंघन किया उनके खिलाफ कार्रवाई करने से सरकार पीछे हट रही है। समय रहते सरकार ने गौहत्या करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की तो एक बार फिर से यहां जनता का आक्रोश भड़क सकता है और हालात बिगड़ सकते हैं। दूसरी घटना मथुरा के जवाहरबाग की है।

जवाहरबाग की घटना ने तो अखिलेश सरकार पर चढ़ी शराफत की जैसे खाल ही उतार दी हो। जनता को यह अभी भी समझ में नहीं आ रहा है कि किस तरह से एक आतताई तीन साल से सरकारी जमीन पर कब्जा किए रहा और हथियार एकत्रित करता रहा। तीन साल से यह सब होता रहा और इस पर किसी की निगाह नहीं पड़ी। ऐसा संभव नहीं हो सकता है। बिना किसी के संरक्षण के यह काम संभव भी नहीं है। मुख्य बात तो जवाहर बाग के सरगना को ही मौत के घाट उतार दिया गया। यदि वह जिंदा पकड़ा जाता तो निश्चित तौर पर कई राज सामने आते।

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