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साल के अंत तक पटरियों पर दौड़ेगा 'डुअल मोड इंजन'

Update: 2016-06-26 00:00 GMT

इंजन बदलने की समस्या से मिलेगी निजात

ग्वालियर। अब रेल गाडिय़ों में बार-बार डीजल इंजन को बदलकर इलेक्ट्रिक इंजन लगाने की समस्या से निजात मिल जाएगी। नई तकनीक से समय, मैनपॉवर और पैसे की बचत होगी। इसके लिए 'डुअल मोड इंजन' की डिजाइन तैयार हो चुकी है और इसकी तकनीकी पर भी लगभग मुहर लग चुकी है।

रेलवे सूत्रों की मानें तो इलेक्ट्रिक और डीजल दोनों से चलने वाले डुअल मोड रेल इंजन के निर्माण के डीरेका के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने हरी झंडी भी दे दी है, बस अब आरडीएसओ को प्रस्ताव भेजना बाकी है। वहां से हरी झंडी मिलते ही साल के अंत तक पहला डुअल मोड इंजन ट्रैक पर दौड़ सकता है।

इस इंजन में आधे हिस्से में डीजल व आधे में इलेक्ट्रिक जेनरेटर सेट लगेगा। इसमें ड्राइवर के लिए एसी कैब की सुविधा होगी। सूत्रों की मानें तो अगर सब कुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक पहला डुअल इंजन पटरी पर दौड़ता नजर आएगा।

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