जनमत संग्रह में यूरोपियन यूनियन से अलग हुआ ब्रिटेन
लंदन| ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में रहने या इसे छोड़ने का फैसला करने वाले ऐतिहासिक जनमत संग्रह में लाखों ब्रितानियों की ओर से मतदान कर दिए जाने के बाद इस समय पूरे देश में मतगणना चल रही है और अभी आखिरी नतीजा नहीं आया है। इस बीच, ब्रिटिश मीडिया के हवाले से बड़ी खबर यह आ रही है कि जनमत संग्रह में ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हो गया है। जनमत संग्रह के अब तक प्राप्त नतीजों के अनुसार ज्यादातर लोगों ने ब्रिटेन के ईयू से अलग होने की राय दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आधी से ज्यादा जनता ईयू से अलग होने के पक्ष में हैं।
अब तक घोषित हो चुके 70 प्रतिशत चुनावी नतीजों को ‘ब्रेग्जिट’ के पक्ष में बताते हुए कहा है कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के पक्षधर खेमे ने इस ब्लॉक में बने रहने के पक्षधर खेमे पर चार प्रतिशत की बढ़त हासिल कर ली है। ओपिनियन पोल में इस मुकाबले में ‘कांटे की टक्कर’ रहने की भविष्यवाणी की गई थी और अब वह सही साबित हुई है। अभी तक घोषित 70 प्रतिशत नतीजों में ‘लीव’ अभियान ने 52 प्रतिशत मत हासिल किए हैं जबकि ‘रिमेन’ खेमे के पक्ष में 48 प्रतिशत वोट आए हैं।
रुझान दिखा रहे हैं कि ‘रिमेन’ पक्ष इस स्थिति से वापस बढ़त हासिल नहीं कर सकता है। 52-48 प्रतिशत का आंकड़ा ब्रेग्जिट के पक्ष में है और यह ब्रितानी मतदाताओं का अंतिम फैसला हो सकता है। धुर दक्षिणपंथी यूके इंडीपेंडेंस पार्टी (यूकेआईपी) के नेता नीगेल फेरेज ने बहुत पहले ही जीत की घोषणा करते हुए कहा था कि यह सपना देखने की हिम्मत दिखाइए कि स्वतंत्र ब्रिटेन में सूर्योदय हो रहा है। 23 जून हमारा स्वतंत्रता दिवस होगा। इस जनमत संग्रह में 72 प्रतिशत का भारी मतदान देखने को मिला। इस मतदान का फैसला वर्ष 1975 में हुए उस जनादेश को उलट रहा है, जिसमें ब्रिटेन ने यूरोपियन इकोनॉमिक कम्यूनिटी का सदस्य बने रहने के लिए मतदान किया था। यह समूह बाद में यूरोपीय संघ बन गया था।
इस जनमत संग्रह का परिणाम ब्रिटेन की सरकार के लिए कानूनी तौर पर बाध्यकारी तो नहीं है लेकिन डेविड कैमरन ने बार-बार यही वादा किया है कि जनता की इच्छा को स्वीकार किया जाएगा। इस परिणाम के तुरंत बाद, ब्रिटेन फिलहाल यूरोपीय संघ का सदस्य बना रहेगा और एकदम से कुछ नहीं बदलेगा। ब्रितानी प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया है कि यदि जनमत संग्रह का परिणाम यूरोपीय संघ को छोड़ देने के पक्ष में आता है तो वह वर्ष 2009 की लिस्बन संधि के 50वें अनुच्छेद को लागू करेंगे।
यह अनुच्छेद यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने के लिए समूह के शेष 27 सदस्य देशों के साथ बातचीत शुरू करता है। इस प्रक्रिया में दो साल या इससे ज्यादा का समय लग सकता है। सभी पक्षों के सहमत होने पर बातचीत की अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है। एक बार अनुच्छेद 50 को लागू कर दिए जाने पर, वापस यूरोपीय संघ में आना सभी सदस्य देशों की सहमति पर ही हो सकेगा। अब तक जिन 382 परिणामों की घोषणा हुई है, उनमें से सबसे पहले घोषणा करने वाला मतगणना क्षेत्र जिब्राल्टर रहा। इस क्षेत्र ने उम्मीद के मुताबिक यूरोपीय संघ में रहने के लिए भारी मतदान किया था। स्पेन के दक्षिणी छोर पर स्थित क्षेत्र में ‘रिमेन’ के पक्ष में 95.9 प्रतिशत मत डले जबकि ‘ब्रेग्जिट’ के पक्ष में महज 4.09 प्रतिशत यानी 823 मत पड़े।
व्यापक रुझानों की बात करें तो इस मतदान में देश में एक बड़ा विभाजन देखने को मिला। पूर्वोत्तर इंग्लैंड और वेल्स जहां ब्रेग्जिट का समर्थन कर रहे हैं, वहीं स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड रिमेन के पक्ष में खड़े हैं। बाजारों में भी इस अनिश्चितता का असर देखने को मिला। कल रात मतदान खत्म होने पर पाउंड में भारी बदलाव देखने को मिला और यह बेहद नाटकीय ढंग से 1980 के दशक के बाद से अब तक के सबसे निचले पायदान पर पहुंच गया।