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अब खराब सीएफएल भी ई-कचरे में शामिल

Update: 2016-06-11 00:00 GMT

औद्योगिक क्षेत्र में बनेगा री-साइकिलिंग प्लांट, उद्योग विभाग और जिला प्रशासन बना रहा योजना

ग्वालियर। अब ई-वेस्ट (कचरा) में सीएफएल बल्ब भी जुड़ गया है। अब खराब सीएफएल को कचरे में नहीं फेंक सकते । उसे नियमानुसार री-साइकिलिंग के लिए भेजना होगा। इतना ही नहीं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार हर शहर के औद्योगिक क्षेत्र में री-साइकिलिंग प्लांट लगाने जमीन आरक्षित रखनी होगी।

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीएफएल को ई-वेस्ट माना है। इससे पहले तक सीएफएल बल्ब को ई-वेस्ट नहीं माना जाता था। जबकि जांच में सामने आया है कि सीएफएल बल्ब में कई ऐसे हानिकारक रसायन होते हैं जो शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक हैं। आम तौर पर उपभोक्ता खराब बल्ब को कचरे के साथ फेंक देते हैं। कांच टूटकर उसके भीतर के जहरीले रसायन जमीन में घुलते हैं।
जानकारी के अनुसार उद्योग विभाग इस मामले में क्रियान्वयन के लिए योजना बना रहा है। इसमें जिले का बिरला नगर व साथ ही मालनपुर,और बानमोर की औद्योगिक जमीन पर उद्योग विभाग इस जमीन में कुछ हिस्सा री-साइकिलिंग प्लांट के लिए आरक्षित रखेगा। यह नियम नए व पुराने दोनों इलाकों के लिए होगा। प्लांट लगाने वाले इच्छुक लोगों को यह जमीन आवंटित होगी। इसके लिए शासन ने उद्योग विभाग व जिला प्रशासन को इस सम्बन्ध मं कुछ निर्देश भी दिए हैं।

हानिकारक है ई -कचरा
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि ई-वेस्ट यानि कचरा की श्रेणी में सीएफएल व बल्ब भी जुड़ गया है। अब खराब सीएफएल को कचरे में नहीं फेंक सकते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो उसमें हाानिकारक रसायन आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता हैं । जानकार बताते हैं कि कई बार जांच में सामने आया है कि खराब सीएफएल व बल्ब से रसायन युक्त गैस निकलती है जिससे स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पडऩे के मामले सामने आए हैं।

इन्होंने कहा
ई-वेस्ट से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए हम बहुत जल्द मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र में री-साइकिलिंग प्लांट के निर्माण की योजना बना रहे हैं।

एम कुमार खन्ना
निदेशक ई-वेस्ट सोल्युशन

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