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भ्रष्टाचार पर लगाम सरकार की सफलता

Update: 2016-05-31 00:00 GMT

भ्रष्टाचार पर लगाम सरकार की सफलता

देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बिना किसी राजनीतिक संकट के अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। कांगे्रस सहित अन्य विपक्षी दल भले ही मोदी सरकार को आड़े हाथ ले रहे हों, लेकिन केन्द्र सरकार को इस दो वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धि जनता के समक्ष रखना कोई नया खेल नहीं है। कांगे्रस की सरकारों ने भी पूर्व में ऐसा ही किया है, जिसमें अपनी सरकारों के पांच वर्षीय कार्यकाल में प्रत्येक वर्ष एक समारोह जैसा किया जाता है और देश की जनता के धन का दुरुपयोग किया जाता रहा है।

मोदी सरकार ने वैसा कुछ भी नहीं किया, जैसा कांगे्रस की सरकार करती रही है। कांगे्रस के नेताओं को मोदी की आलोचना करने से पूर्व यह सोचना चाहिए कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की जनता द्वारा चुनी गई पूर्ण बहुमत की सरकार है। और जैसा कि देश की कई सर्वे संस्थाओं ने कहा है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। हम जानते हैं कि कांगे्रस शासन में किए जा रहे भ्रष्टाचार के कारण देश को अरबों का नुकसान हुआ, जो कम से कम वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दिखाई नहीं दे रहा। यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है, लेकिन कांगे्रस के नेता यह बात मानने को तैयार ही नहीं हैं। वास्तव में कांगे्रस वर्तमान में रचनात्मक भूमिका का निर्वाह करती दिखाई नहीं दे रही। वह तो केवल अपने आपको विरोध करने की भूमिका तक ही सीमित रख कर अपनी राजनीति कर रही है। कांगे्रस को चाहिए कि वह केवल अपने सिद्धांतों की ही राजनीति करे, नहीं तो विरोध करना ही कांगे्रस का स्वभाव बन जाएगा और फिर कांगे्रस जिस सिद्धांत की बात करती है, वह एक दिन हवा हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो साल की सरकार की खास बात यह है कि इस छोटे से कार्यकाल में देश में भ्रष्टाचार के बड़े केन्द्रों पर ताला लगा है। पहली बार किसी सरकार ने छोटे-छोटे प्रयासों से भ्रष्टाचार के बड़े स्रोतों को बंजर किया है। वर्तमान केन्द्र सरकार ने रसोई गैस वितरण मामले में होने वाले भ्रष्टाचार को रोका है। हम जानते हैं कि पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में रसोई गैस वितरण में भ्रष्टाचार का लंबा खेल चल रहा था।

उस समय सरकार रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीधे कंपनियों को देती थी, उसके बाद कंपनी वाले अपने मनमाने तरीके से रसोई गैस का वितरण करते थे। इसमें कई बार ऐसे भी खुलासे हुए कि कंपनी ने फर्जी कनेक्शन के माध्यम से इस छूट पर अपना अधिकार जमा लिया था। जिससे देश को हर साल 15 हजार करोड़ का घाटा हो रहा था। लेकिन मोदी सरकार ने इस सब्सिडी को उपभोक्ताओं के खाते में देकर यह 15 हजार करोड़ रुपए बचाए हैं। इतना ही नहीं मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में लगभग डेढ़ करोड़ फर्जी गैस कनेक्शन को रद्द किए हैं। एलपीजी सब्सिडी छोडऩे की प्रधानमंत्री की स्वैच्छिक अपील के चलते करीब 1.13 करोड़ लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी। ऐसे ही मोदी सरकार ने निचले वर्ग की नौकरियों में साक्षात्कार को खत्म कर भ्रष्टाचार को रोका है। देश में बड़े सुधारों के लिए नीति निर्धारकों की नीयत साफ होना सबसे अहम मुद्दा है।

इसके अलावा कानून का सख्ती से पालन करने की जवाबदेही भी सरकार की जिम्मेदारी है, सरकार के काम में जितनी पारदर्शिता होगी, सुधार के कार्यक्रम उतनी ही मजबूती के साथ दिखाई देंगे। वर्तमान सरकार के कामकाज में जहां पारदर्शिता का प्रदर्शन है तो वहीं प्रशासनिक संकल्प भी दिखाई देता है। इन्हीं कारणों से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है। इसके विपरीत कांगे्रस के शासनकाल में इन सभी बातों का अभाव स्पष्ट दिखाई देता था, जिसके कारण कांगे्रस के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पाया। कांगे्रस ने भी तमाम नियम कानून बनाए, लेकिन धरातल पर उनका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा था। किसी भी कानून के क्रियान्वयन के लिए शासक का कठोर होना बहुत जरूरी है। कांगे्रस की सरकार का बलिदान भी भ्रष्टाचार के कारण ही हुआ। मोदी सरकार इस मामले में अभी तक निष्कलंक है।

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