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जानें अंधविश्वास और उनके पीछे छुपे सच को

Update: 2016-04-09 00:00 GMT

जानें अंधविश्वास और  उनके पीछे छुपे सच को 


बचपन से लेकर अब तक न जाने हम कितनी ही चीजों को बस यूं ही फॉलो करते आए हैं। जैसे नदी में सिक्के फेंकना, घर के दरवाजे पर नींबू-मिर्ची लटकाना। पर क्या कभी आपने सोचा है कि हम ऐसा क्यों करते हैं। अगर आपने अब तक इन अंधविश्वासों के पीछे छिपे लॉजिक को नहीं जाना और अब इसके बारे में जानना चाहते हैं हैं कुछ ऐसे अंधविश्वास जिनके पीछे के लॉजिक शायद आपको मालूम न हो।


शमशान से आकर नहाना
अंधविश्वास- मरे हुए व्यक्ति की आत्मा शांति मिलती है।
सच- पहले हैपेटाइटिस, स्मॉल पॉक्स जैसी बीमारियों के लिए वैक्सीनेशन नहीं था, इसलिए अंतिम संस्कार के बाद नहाया जाता था ताकि डेड बॉडी के कीटाणु नुकसान न पहुंचाएं।

तालाब में सिक्के फेंकना
अंधविश्वास- भाग्य मजबूत होता है
सच- पहले सिक्के तांबें के होते थे और तांबा पानी के अंदर मौजूद बैक्टेरिया को खत्म करने में कारगर होता है। इसके अलावा तांबा सेहत के लिए भी अच्छा पोषक तत्व है।

कहीं जाने से पहले दही खाना
अंधविश्वास- भाग्य आपका साथ देगा
सच- गर्म मौसम में दही खाने से पेट ठंडा रहता है और दही में चीनी मिला कर खाने से बॉडी में ग्लूकोज बढ़ता है।

मंगलवार और गुरुवार को बाल न धोना
अंधविश्वास- बुरा वक्त शुरू हो जाता है
सच- पुराने समय में मंगलवार और गुरुवार को बाल न धोना पानी बचाने का एक तरीका माना जाता था।

दरवाजे पर नींबू-मिर्ची लटकाना
अंधविश्वास- बुरी नजर से बच सकते हैं।
सच- नींबू-मिर्ची में मौजूद सिट्रिक एसिड घर के अंदर कीड़े मकौड़ों को आने से रोकते हैं।

ग्रहण के समय बाहर न निकलना
अंधविश्वास- राहु का प्रभाव
सच- सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से आंखों की रेटिना प्रभावित होती है।

मंदिर में घंटी बजाना
अंधविश्वास- घंटी बजाने से भगवान खुश होते हैं
सच- घंटी को बजाने के बाद जो वाइब्रेशन होता है वह हमारे बॉडी पर असर डालता है। इससे हमें ध्यान लगाने में मदद मिलती है।

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