आईआईटी मुम्बई के साथ मिलकर किया ई-यंत्रा लैब्स का शुभारम्भ
मथुरा। इंजीनियरिंग, प्रबन्धन एवं आर्किटैक्चर संस्थान जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन्स ने आईआईटी मुम्बई के साथ मिलकर अपने यहां ई-यंत्रा लैब्स की स्थापना की है। भविष्य के रोबोट्स को इंजीनियरिंग कालेजों में ही विकसित करने की योजना उस समय मूर्तरूप में धरातल पर उतरी जब संस्थान में आईआईटी मुम्बई द्वारा पूर्व में स्थापित ई-यंत्रा लैब्स का उद्घाटन प्रो. कवि आर्या प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर आफ ई-यंत्रा प्रोजेक्ट एवं संस्थान की निदेशक डा. मीनू गुप्ता के करकमलों से हुआ।
जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन्स के इंजीनियरिंग छात्र अब इन्हीं प्रयोगशालाओं में रोबोटिक्स और एम्बेडिड सिस्टम की सहायता से भविष्य के छोटे से लेकर बड़े रोबोट्स का निर्माण कर सकेंगे। हालांकि विदेशों में तकनीकी रूप से काफी उन्नत रोबोट्स का निर्माण किया जा चुका है, परन्तु आकार और लागत के हिसाब से वहाँ भी ये स्वचालित रोबोट्स आमजीवन में पूरी तरह से नदारद हैं एवं जो रोबोट्स निर्मित भी हैं वे भी केवल अति उन्नत जगहों जैसे चिकित्सा क्षेत्र, आटोमोबाइल सेक्टर, वैज्ञानिक रिसर्च सेण्टर और खगोल विज्ञान आदि क्षेत्रों में ही उपयोग में आ रहे हैं। अब भारत में रोबोट्स के नये युग की शुरुआत करते हुये आईआईटी ने ऐसे चुनिन्दा रिसर्च सेण्टर विकिसित किये हैं जहां आम लोगों की आवश्यकता के अनुरूप छोटे एवं मध्यम साइज के अति उन्नत रोबोट्स विकसित किए जा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि ई-यंत्रा प्रयोगशालाओं में न केवल संस्थान के शिक्षक बल्कि इंजीनियरिंग छात्र भी अपने क्रियात्मक ज्ञान का प्रयोग कर रोबोट्स की डिजाइन एवं प्रोग्रामिंग करके उनको निर्मित करेंगे। जीएल बजाज में स्थापित हुईं ई-यंत्रा लैब्स में रोबोट्स के क-ख-ग से लेकर उनके समकालिक आधुनिक रूप, तकनीकी पहलुओं, क्रियात्मक पहलुओं आदि के साथ रोबोट्स की संरचनाओं में भिन्नता पर वैज्ञानिक पहलुओं को भी शुरूआत में ही समझा जायेगा। तत्पश्चात इंजीनियरिंग छात्र व फैकल्टी रोबोट्स की जादुई दुनिया में प्रवेश कर आम जरूरत और आम लोगों के हिसाब से छोटे स्वचालित रोबोट्स का निर्माण कर सकेंगे। आईआईटी मुम्बई से सीधे आनलाइन रूबरू होते हुये प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर आफ ई-यंत्रा प्रोजेक्ट प्रो. कवि आर्या ने ई-यंत्रा की स्थापना में आने वाले तकनीकी पहलुओं एवं मैकेनिज्म के ऊपर विस्तृत जानकारी दी एवं विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों से आये हुए प्रमुखों के साथ ई-यंत्रा के माध्यम से रोबोट्स निर्माण एवं उसके संचालन के द्वारा होने वाले फायदों के बारे में जानकारी साझा की। संस्थान में ई-यंत्रा लैब्स की स्थापना पर आरके एजूकेशन हब के चेयरमैन डा. रामकिशोर अग्रवाल का कहना है कि इस आधुनिक प्रयोगशाला के निर्माण के पीछे हमारा उद्देश्य ऐसे रिसर्च ओरिएण्टेड इंजीनियरों का निर्माण करना है जिनके अंदर कैन डू एटीट्यूड हो। संस्थान की निदेशक डा. मीनू गुप्ता ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं से हमारे इंजीनियरिंग छात्रों को रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार करने में भी काफी मदद मिलेगी। इन सबसे ऊपर हम अपने इंजीनियरिंग छात्रों के सम्मुख ऐसा प्लेटफार्म रखेंगे, जहां वे समाज के उपयोग में आने वाले रोबोट्स का निर्माण कर सकें। हमारे छात्र ऐसे रोबोट्स भी बनायेंगे जोकि सड़कों और गलियों से कूड़ा-कचरा उठाकर उसे सही ढंग से निस्तारित कर सकने में सक्षम हों।