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अनुशंसा रिपोर्ट पर कार्यपरिषद सदस्यों ने उठाई आपत्ति

Update: 2016-12-04 00:00 GMT

मामला दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की स्थाई नियुक्ति का

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति के लिए गठित की गई समिति के साथ परामर्शदाता के रूप में कार्यपरिषद सदस्य आर.पी. सिंह एवं डी.पी. सिंह के साथ समिति की बैठक शनिवार को विश्वविद्यालय में आयोजित हुई। बैठक में समिति द्वारा अनुशंसा रिपोर्ट रखी गई, जिसे देखकर कार्यपरिषद सदस्यों ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में कुशल व अकुशल कर्मचारियों के लिए कुलपति और कुलसचिव जिम्मेदार होते हैं, लेकिन समिति ने कार्यपरिषद का उल्लेख किया है, जो कि गलत है। इस पर समिति ने कहा कि कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति कार्यपरिषद में हुई है, इसलिए रिपोर्ट में कार्यपरिषद का नाम रखा गया है। हालांकि बाद में रिपोर्ट में से कार्यपरिषद सदस्यों का नाम विलोपित कर दैनिक वेतन भोगियों को स्थाई कर्मी करने का निर्णय लिया गया। समिति का कहना था कि 16 जून 2007 के बाद नियुक्त किए गए कुशल व अकुशल श्रमिकों की नियुक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव द्वारा की गई है, जो इनके सक्षम अधिकारी हैं, इसलिए सभी दैनिक वेतन भोगियों को स्थाई कर्मी नियुक्त किया जाएगा। इस अवसर पर समिति की ओर से प्रो. राजीव जैन, डॉ. शांतिदेव सिसौदिया, उप कुलसचिव अरुण सिंह चौहान उपस्थित थे।

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