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नोटबंदी: पचास दिन में आए ढाई हजार करोड़

Update: 2016-12-31 00:00 GMT

अंतिम दिन 500 और 1000 के 115 करोड़ रुपए जमा हुए


ग्वालियर।
नोटबंदी के पचास दिन शुक्रवार तीस दिसम्बर को पूरे हो गए । नोटबंदी के अंतिम दिन शुक्रवार को शहर की सरकारी व निजी 35 बैंको की 230 शाखाओं में पुराने 500 और 1000 के लगभग 80 से 115 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। वहीं आठ नवंबर के बाद पचास दिन के दौरान इन सभी शाखाओं में ढाई हजार करोड़ (25 अरब) रुपए के 500 और 1000 के नोट जमा हुए हैं। अब शनिवार 31 दिसम्बर से शहर की बैंको में 500 और 1000 के पुराने नोट जमा नहीं होंगे। इन नोटों को अब आरबीआई में जमा कराना होगा।

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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत आठ व नौ नवम्बर की रात्रि से नोटबंदी की घोषणा कर दी थी। इस दौरान पूरे देश सहित शहर में 500 और 1000 के नोटों का चलन एकदम बंद हो गया था और लोग लम्बी-लम्बी लाइनों में लगकर बैंक में पैसा जमा कराने पहुंचने लगे थे। इस दौरान शहर की बैंको में अरबों रुपया भी जमा हुआ, लेकिन सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को नोटबंदी के अंतिम दिन 80 से 115 करोड़ रुपए जमा हुआ हैं।

बैंको में सुबह से पहुंचे लोग
जिन लोगों के पास अब तक 500 और 1000 के पुराने नोट थे, वह शुक्रवार को सुबह से ही बैंको में उन्हें जमा कराने के लिए पहुंचते रहे। इस दौरान बैंको में अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक भीड़ देखने को मिली।
एक नजर में नोटबंदी का असर
नोटबंदी के शुरूआत में ठप हो गया था व्यापार।
स्वर्ण, कपड़ा, इलेक्ट्रोनिक्स, ऑटोमोबाइलसेक्टर, रियल स्टेट सबसे अधिक प्रभावित हुआ।
नोटबंदी से सब्जियों के दाम अर्श से फर्श पर आए।

इनका कहना है

‘नोटबंदी के बाद नवंबर में व्यापार ठप हो गया था, लेकिन अब चेक व स्वाइप मशीन के कारण व्यापार में कुछ तेजी आ गई है। एक माह में व्यापार पटरी पर लौट आएगा।’

पुरुषोत्तम जैन
अध्यक्ष, सराफा बाजार

‘नोटबंदी के बाद से व्यापार तीस प्रतिशत तक गिर गया है। गांव में खुल्ले पैसे की समस्या अभी भी बनी हुई है। आमजन और व्यापारी आज भी 31 दिसम्बर को सरकार द्वारा होने वाली घोषणाओं को लेकर भयभीत है।’

विजय जाजू
सचिव, नया बाजार

‘नोटबंदी को एक योजना के अंतर्गत लाना चाहिए था। व्यापारी आगे के समय को लेकर घबराहट की स्थिति बनी हुई है।’

अश्विनी सोमानी
घी कारोबारी, दाल बाजार

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