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कैश में सैलरी देने पर लग सकता है बैन

Update: 2016-12-21 00:00 GMT


नई दिल्ली।
नोटबंदी के बाद कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने में जुटी मोदी सरकार आज कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला ले सकती है। सूत्रों की मानें तो आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार एक ऐसे अध्यादेश पर मुहर लगा सकती है, जिसके तहत कर्मचारियों को कैश में सैलरी देने पर पाबंदी लग सकती है। अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद सैलरी या तो चेक से दी जा सकेगी या फिर सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में देनी होगी।

सूत्रों के मुताबिक इस संदर्भ में विधेयक 15 दिसंबर 2016 को लोकसभा में रखा गया। इसे अगले साल बजट सत्र में पारित कराया जा सकता है। इसलिए दो और महीने इंतजार करने के बजाए सरकार अध्यादेश ला सकती है और बाद में इसे संसद में पारित कराया जाएगा। सरकार नए नियम को तत्काल क्रियान्वित करने के लिये कानून में संशोधन को लेकर अध्यादेश ला सकती है।

गौरतलब है कि वेतन भुगतान (संशोधन) विधेयक 2016 में मूल कानून की धारा छह में संशोधन का प्रस्ताव करता है ताकि नियोक्ता अपने कर्मचारियों को चेक या फिर इलेक्ट्रानिक रूप से सीधे उसके बैंक खातों में वेतन का भुगतान कर सके। केंद्र सरकार के श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश किया है। पेश किए गए इस विधेयक में कहा गया है कि नई प्रक्रिया से डिजिटल और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था का मकसद पूरा होगा।

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