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छह से पचास हजार हुआ पार्षदों का मानदेय!

Update: 2016-12-15 00:00 GMT

बिना चर्चा बहुमत से ‘एजेण्डा’ पास


ग्वालियर,वरिष्ठ संवाददाता।
लगभग छह माह बाद आज हुई नगर निगम  परिषद की बैठक में विपक्ष के हंगामें के बीच बिना चर्चा बहुमत के आधार पर एजेण्डा पास कर दिया गया। इस एजेण्डे के बिन्दु क्रमांक दो के अनुसार पार्षदों का मानदेय एक साथ छह हजार से बढक़र पचास हजार हो गया है। हालांकि अभी इस पर अंतिम मुहर शासन को लगाना है।

इससे पहले हंगामे के चलते डेढ़ घंटे चली इस बैठक को बीच में दो बार दस-दस और एक बार पांच मिनट के लिए स्थगित भी करना पड़ा। बैठक शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष कृष्ण राव दीक्षित ने  एजेण्डे से पहले जनसमस्याओं के साथ ही नियम विरुद्ध बैठक की तिथि आगे बढ़ाने और दो माह के स्थान पर छह-छह माह तक परिषद का सम्मेलन नहीं बुलाए जाने की निंदा करते हुए इस पर चर्चा कराने की मांग की। इसका विरोध करते हुए महापौर विवेक शेजवलकर सतीश बोहरे, धर्मेन्द्र राणा, बलवीर तोमर सहित सत्ता पक्ष के कुछ अन्य पार्षदों ने एजेण्डे को महत्वपूर्ण बताते हुए पहले उसमें शामिल बिन्दुओं पर चर्चा की बात कही।

इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष कल्लू दीक्षित सहित पार्षद हरीपाल, डॉ.शशि शर्मा, चन्दू सेन,बाबूलाल चौरसिया, घनश्याम गुप्ता सहित समूचे विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सत्ता और विपक्ष के अपनी-अपनी बात पर अड़े रहने तथा विपक्ष द्वारा आसंदी को घेरकर नारेबाजी और शोरशराबे के बीच सभापति राकेश माहौर ने तीन बार बैठक को स्थगित करने के बाद अन्तत: बिना चर्चा के ही एजेण्डे को बहुमत के आधार पर पास करने की घोषणा करते हुए बैठक समाप्त कर दी।

सत्ता पक्ष के कुछ पार्षद भी चाहते थे जनसमस्याओं पर चर्चा
बैठक में सत्ता पक्ष के कुछ पार्षद जिनमें जयसिंह सोलंकी, सुधीर सिंह सहित कुछ अन्य पार्षद भी विपक्ष की इस मांग से सहमत थे कि एजेण्डे से पहले जनसमस्याओं पर चर्चा कराई जाए। इसके साथ ही पार्षद सतीश सिकरवार का भी यह कहना था कि यदि विपक्ष जनसमस्याओं पर चर्चा चाहता है तो उसकी मांग मानी जा सकती है। लेकिन लगातार डेढ़ घंटे के शोरशराबे और हंगामे के बीच विपक्ष की एक नहीं चली और अंत में सभापति ने एजेण्डे को बिना चर्चा जस का तस पास करने की घोषणा कर दी।

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