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नगरीय निकाय व जन-प्रतिनिधि मिलकर करें जनहित के काम

Update: 2016-11-29 00:00 GMT

भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने नागरिक सुविधाओं को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिये नगरीय निकायों और जन-प्रतिनिधियों से मिलकर काम करने को कहा है।

श्रीमती सिंह सोमवार को विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रही थीं। समिति के सदस्य विधायक सुरेन्द्रनाथ सिंह और सुदेश राय उपस्थित थे।  बैठक में बताया गया कि अमृत योजना में प्रदेश देश में अकेला राज्य हैए जिसने 5 साल की एकजाई योजना भारत सरकार को सौंपी है। उन्होंने कहा कि योजना का मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी एक लाख से अधिक आवासों का निर्माण काम शुरू हो चुका है।

  श्रीमती माया सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजनाए अमृत योजनाएं मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास और मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की जानकारी देते हुए कहा कि इनके क्रियान्वयन में समय-सीमा और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये। लक्ष्य है कि 31 मार्च, 2017 तक ढाई लाख मकान और 31 मार्च, 2018 तक ढाई लाख मकान बनकर तैयार हो जायें, ताकि मुख्यमंत्री का 5 लाख लोगों को आवास उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा हो सके। बैठक में बताया गया कि पेयजल और सीवरेज के काम मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास कार्यक्रम हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश की 60 प्रतिशत आबादी इससे लाभान्वित हो। वर्तमान में यह कव्हरेज मात्र 6 प्रतिशत है।

स्मार्ट सिटी में 23 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट 7 शहर के लिये बनाये गये हैं, जिन पर नियोजित तरीके से काम किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन में खुले में शौच-मुक्त और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये तेजी से कार्य किया जा रहा है। लक्ष्य है कि 31 दिसम्बर तक अमृत योजना के 34 शहर ओडीएफ घोषित हो जायें। उन्होंने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये प्रदेश के नगरीय निकायों को 24 क्लस्टर में बाँटा गया है।

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