आगरा-ग्वालियर घराने की गायकी से गूंजा ‘स्वर्णिम निनाद’

Update: 2016-10-25 00:00 GMT
-संगीत कला केंद्र के शास्त्रीय संगीत सम्मेलन में पधारे ख्यातिप्राप्त कलाकार
 
 
आगरा। स्वर व ताल के अनुशासन और भारतीय संगीत की आनंददायन अनुभूति का प्रत्यक्ष आस्वादन रविवार को नगर के कलारसिकों को प्राप्त हुआ। अवसर था पं. रघुनाथ तलेगांवकर फाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केंद्र के तत्वाधान में आयोजित स्वर्णिम निनाद-2016 संगीत सम्मेलन का। सम्मेलन में पधारे ख्यातिप्राप्त कलाकरों ने शहरवासियों को भारतीय शास्त्रीय संगीत के गहरे आध्यात्मिक सोपानों से जोड़ा। 
 
संगीत सम्मेलन का प्रारंभ प्रातःकालीन नाद साधना के साथ हुआ। जिसमें सर्वप्रथम नासिक से पधारी शिवानी मारूलकर ने राग नट भैरव में ख्याल प्रस्तुत किया। नासिक की ही संवादिनी वादक पं. सुभा दसस्कर ने राग अहीर भैरव में दो रचनाएं प्रस्तुत कीं। मंुबई से पधारीं पं. शुभदा पराडकर ने ग्वालियर घराने की गायकी से श्रोताओं को रसाबोर कर दिया। उनके साथ तबला पर संगत पं. सुरेश जी हरिदास व हारमोनियम पर रवींद्र तलेगांवकर ने संगत की। इससे पूर्व विख्यात सितार वादक पं. हरविंदर शर्मा ने राग पीलू प्रस्तुत किया। समारोह का समापन बनारस से पधारे डाॅ. प्रवीन उद्धव एवं उनके सुपुत्र श्रुतिशील के तबला वादन के साथ हुआ। 
 
इन्हें मिला सम्मान
संगीत महोत्सव में पं. हरविंदर शर्मा, शुभदा पराडकर, डाॅ. ब्रजबल्लभ मिश्र को संगीत कला रत्न, डाॅ. अलका देव को संगीत प्रसारक तथा शिवानी मारूलकर, डाॅ. प्रवीन उद्धव, पं. सुभाष जी को संगीत कला गौरव का सम्मान प्रदान किया गया।
 
 
इनकी रही उपस्थिति
संगीत सम्मेलन में समाजसेवी अरविंद कपूर, डाॅ. अरूण तिवारी, संस्था अध्यक्ष सरोज गौरिहार, अनिल वर्मा, डाॅ. लाकेंद्र, गोपाल मिश्र, शुभा तलेगांवकर, संस्था निदेशिका प्रतिभा, डाॅ. मंगला मठकर आदि उपस्थित रहे। संचालन आकाशवाणी के श्रीकृष्ण व डाॅ. मेघा राव ने किया। आभार संस्था के निदेशक व सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ पं. केशव जी तलेगांवकर ने किया। 

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