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तीस साल की नौकरी में करोड़ो का मालिक बना उपमहाप्रबंधक

Update: 2016-10-20 00:00 GMT



ग्वालियर,न.सं.। बिजली कम्पनी के विजिलेंस उपमहाप्रबंधक ने तीस साल की नौकरी में करोड़ों रुपए जमा कर लिए हंै, उसका रहन सहन भी शाही है। जब बुधवार को पुलिसउसके दरवाजे पर पहुंची तो उसे देखते ही उसका रक्तचाप बढ़ गया था।

सत्येन्द्र सिंह चौहान की बिजली विभाग में वर्ष 1986 में नियुक्ति हुई थी इसके बाद प्रमोशन होते हुए वह कुछ साल पहले ही उपमहाप्रबंधक बना था। तीस साल की नौकरी में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति अर्जित कर लेने को लेकर उसके विभाग में इस बात की चर्चा थी और लोकायुक्त गोपनीय जांच कर रही थी, बीते रोज पहले मामला कायम किया गया और फिर सुबह ही उसके दरवाजे पर दस्तक दे दी गई। पुलिस को देखते ही सत्येन्द्र सिंह समझ गए थें कि उनके घर पर छापा पड़ चुका है इसके बाद उसने कार्रवाई में लोकायुक्त अधिकारियों की मदद करने में ही अपनी भलाई समझी। सूत्र बताते हंै कि जांच के दौरान शांत बैठे सत्येन्द्र सिंह चौहान का रक्तचाप भी बढ़ गया था और परिजनों ने उन्हे ढांढस बंधाया। बारह घंटे चली कार्रवाई में कई बार उनसे दस्तावेजों के बारे मेंं टीम ने पूछताछ की, घर में अलमारी से दस्तावेज आसानी से मिल गए। टीम का कहना है कि पूरी नौकरी के बाद हिसाब जोड़ा जाए तब भी जितनी सम्पत्ति का छापे में खुलासा हुआ है ईमानदारी से नहीं कमाई जा सकती।

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