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सीमा को बंद करने के फैसले से चीन में मची खलबली

Update: 2016-10-12 00:00 GMT


बीजिंग। पाकिस्तान से लगती सीमा को दो वर्षो में पूरी तरह सील करने के भारत के फैसले से चीन की बेचैनी बढ़ गई है। सरकारी मीडिया ने भारत के फैसले को अतार्किक और अविवेकपूर्ण बताया है। मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट में चीनी विशेषज्ञों ने बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच गहरी दोस्ती को देखते हुए इस कदम से भारत-चीन के संबंध और ज्यादा जटिल होने की आशंका जताई है।
गौरतलब है कि भारत ने पिछले हफ्ते ही दिसंबर, 2018 तक पाकिस्तान से लगती सीमा को पूरी तरह सील करने की घोषणा की है। ग्लोबल टाइम्स ने यह रिपोर्ट ऐसे समय प्रकाशित की है, ब्रिक्स  बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग इसी सप्ताह भारत आ रहे हैं।

चीनी थिंकटैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस, शंघाई में शोध कर रहे हू झीयोंग ने भारत के फैसले को गलत ठहराने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, भारत बहुत ही अविवेकी फैसले ले रहा है। उरी हमले की व्यापक जांच भी नहीं की गई और न ही इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के सुबूत मिले हैं। सीमा सील करने से दोनों देशों के बीच व्यापार और बातचीत की प्रक्रिया प्रभावित होगी। यह फैसला शीतयुद्ध कालीन मानसिकता वाला है।

इंस्टीट्यूट फॉर सदर्न एंड सेंट्रल एशियन स्टडीज के निदेशक वेंग देहुआ के मुताबिक सीमा सील करने से दोनों देशों के बीच शांति के लिए अब तक किए गए प्रयास बाधित होंगे। भारत यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर पर चीनी अर्चन पर चर्चा होने की संभावना है।

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