फलफूल रहा है नशे का कारोबार, पुलिस मौन

Update: 2015-09-25 00:00 GMT

ग्वालियर। यूं तो शहर के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां नशे का कारोबार चल रहा है, लेकिन इन दिनों इंदरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कैलाश सिनेमा एवं गेंडेवाली सड़क के बीच में स्थित गोल नामक एक बस्ती में सूखे नशे का कारोबार बेरोकटोक फलफूल रहा है। इसके चलते आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि शिकायत पर पुलिस यहां आती तो है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करती। जो कि उसकी कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करता है।
जानकारी के अनुसार सकरी गलियों एवं पिछड़ी बस्ती में रहने वाले ये लोग नशे की पुडिय़ा बेच कर जल्द से जल्द पैसा कमाने की चाहत रखते हैं और यही इनकी रोजी-रोटी का साधन भी बन चुका है। कुछ परिवारों के तो पुरुषों के साथ ही महिला और बच्चे भी इस कारोबार में लगे हुए हैं। लगभग हर समय ही किशोर व नौजवान स्वयं भी नशे की हालत में ग्राहकों का इंतजार करते हुए मिल जाते हैं।

बिना जान-पहचान नहीं मिलती पुडिय़ा
नशे का कारोबार करने वाले उन सभी लोगों को लगभग पहचानते हैं जो कि उनसे यह नशीले पदार्थ खरीदते हैं। यह लोग भरोसेमंद व्यक्ति को ही माल बेचते हैं।

बचती है पुलिस
सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र में सक्रिय नशे के मुख्य कारोबारी पर हाथ डालने से पुलिस हमेशा ही बचती रही है। इसका प्रमुख कारण उसकी ऊंची पहुंच बताया जाता है।
उत्तर प्रदेश से आती है चरस
नाम न छापने की शर्त पर नशे की पुडिय़ा बेचने वाले ये लोग बताते हैं कि वह उत्तर प्रदेश के इटावा शहर से चरस व अफीम खरीद कर लाते हैं। वहां से लाने का प्रमुख कारण शहर से नजदीक होने के साथ ही माल लाने में कोई परेशानी नहीं होना भी है। जिसमेें अधिक समय और पैसा भी खर्च नहीं होता।

पुडिय़ों का मूल्य
नशा कारोबारी बताते हैं कि माल के हिसाब से उसका मूल्य निर्धारित किया जाता है। शहर में अमूमन पुडिय़ा का मूल्य सौ रुपए चल रहा है। लेकिन यदि माल अच्छा होता है तो उसका मूल्य 150 रुपए से अधिक भी हो सकता है।

इनका कहना है

पुलिस द्वारा इसे लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। जिस क्षेत्र की बात आप कर रहे हैं और मेरे संज्ञान में लाई गई है। वहां कार्रवाई की जाएगी।
                                                      हरिनारायणचारी मिश्रा
                                                      पुलिस अधीक्षक

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