मामला जयारोग्य के टीबी वार्ड का
ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल के टीबी वार्ड में मरीजों व उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां मरीज टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से पीडि़त हैं वहीं वार्डों में छत से गिर रहे पानी से मरीजों को पेरशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं, वार्डों में खुले पड़े बिजली के तार भी हादसे को आमंत्रण दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अंचल सहित आसपास के राज्यों से टीबी के लगभग 100 मरीज प्रति माह उपचार के लिए जयारोग्य अस्पताल आते हैं, लेकिन यहां व्याप्त समस्याएं उन्हें और बीमार करने जैसी हैं। यहां वार्ड की नालियों सहित वार्ड के आसपास इतनी गंदगी व्याप्त है कि मरीजों के साथ उनके परिजनों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गंदगी की वजह से वार्ड में दुर्गन्द फैली हुई है, जिसकी वजह से मरीजों के साथ रह रहे उनके परिजनों को भी कई संक्रमित बीमारियों का खतरा बना हुआ है। सफाई न होने की वजह से नालियां चौक हो रहीं हैं, जिससे पानी वार्डों में ही भर जाता है। इतना ही नहीं वार्डों में बिजली के तार भी खुले पड़े हुए हैं, जो बड़े हादसे का कारण बन सकता हैं। एक तरफ तो बरसात के मौसम में मलेरिया व डेंगू का खतरा बना हुआ है, लेकिन टी.बी वार्ड के आसपास इतनी गंदगी है कि मरीजों और उनके परिजनों का हाल बेहाल हो रहा है।
हादसे का खतरा
बीते दिनों वार्ड में लगे विद्युत मीटर में शॉर्ट सर्किट हो गया था, जिसकी खबर स्वदेश ने विगत दिनों प्रकाशित की थी, लेकिन आज तक यहां का मीटर सुधारा नहीं गया है। अगर वार्ड में किसी तरह का हादसा होता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
''पानी गिरने से परेशनी तो होती है, लेकिन क्या करें, इलाज कराना है, तो यह सब तो सहन करना ही पड़ेगा।
मुकेश
मरीज के परिजन
''दो साल पहले छत की मरम्मत कराई थी। छत ब्रिक से बनी है तो पानी टपकता है। हमने मरम्मत के लिए ऐस्टीमेट बनाकर भेज दिया है, लेकिन जब तक राशि स्वीकृत नहीं होगी तो हम कहां से मरम्मत कर दें। नालियों की सफाई का काम हमारा नहीं हैं। यह तो अस्पताल प्रशासन को कराना चाहिए।''
बीके त्रिपाठी
उपयंत्री, पीडब्ल्यूडी विभाग
''जितना हो सकता है, हम उतना मरीजों के लिए करते हैं। टी.बी वार्ड पर अस्पताल प्रशासन ज्यादा ध्यान नहीं देता है। मैंने कई बार स्वच्छ पानी और बिजली की उचित व्यवस्था के लिए अधीक्षक से कहा है। साथ ही मैंने कई बार पीडब्ल्यूडी विभाग में खुद जाकर छत की मरम्मत करने के लिए कहा है, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। टी.बी वार्ड में गरीब मरीज इस उम्मीद से आते हैं कि उनका बेहतर उपचार हो सके, लेकिन उनके लिए इससे ज्यादा दुर्भाग्य की और क्या बात होगी कि उन्हें यहां परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है।''
डॉ. के.के. तिवारी
विभागाध्यक्ष क्षय रोग, जीआरएमसी