नई दिल्ली। आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी जयललिता के सरकारी वकील को बदलने की अर्जी को उच्चतम न्यायालय ने निष्पादन करते हुए कहा कि इस मामले में दुबारा सुनवाई की जरूरत नहीं है। वकील की नियुक्ति का फैसला अब उच्च न्यायालय करेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा कि सरकारी वकील के तौर पर भवानी सिंह की नियुक्ति गलत है। आपको बता दें कि करूणानिधी की पार्टी के नेता ने अंबाझगन ने उच्चतम न्यायलय में सरकारी वकील भवानी सिंह के हटाने को लेकर एक याचिका डाली थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि भवानी सिंह निचली अदालत में वकील थे। उन्हें उच्चतम न्यायालय में सरकारी वकील नहीं बनाया जाना चाहिए। उनकी इस याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह फैसला सुरक्षित रख लिया था।आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता को बेंगलूर की विशेष अदालत ने जयललिता को चार साल की सजा सुनाई है।इसके खिलाफ जयललिता की अपील पर फ़िलहाल कर्नाटक हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।