नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि अगर एक अविवाहित जोडा पति-पत्नी की तरह साथ रह रहा है तो उन्हें कानूनी रूप से शादीशुदा ही माना जाएगा। पुरूष की मौत की स्थिति में महिला उसकी संपत्ति की कानूनी हकदार होगी। जस्टिस एमवाई इकबाल और जस्टिस अमिताव रॉय की बेंच ने कहा कि लगातार साथ रह रहे जोडे को विवाहित माना जाएगा और जरूरत पडने पर खुद को कानूनी रूप से अविवाहित साबित करने की जिम्मेदारी प्रतिवादी पक्ष की होगी। बेंच के मुताबिक, स्त्री-पुरूष के लंबे समय से साथ रहने वाले है तो महिला को रखैल नहीं, पत्नी माना जाएगा। हालांकि इसे मजबूत सबूत देकर गलत साबित किया जा सकता है। साबित करने की बडी जिम्मेदारी उसकी होगी जो रिश्ते को कानूनी आधार से हटाना चाहेगा।