बिजली कंपनियों की ऑडिट के मामले में केजरीवाल सरकार को झटका

Update: 2015-10-30 00:00 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली में निजी बिजली कंपनियों के आडिट को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी की अगुवाई वाली स्पेशल बेंच ने कैग आडिट के संबंध में दायर सरकार की याचिका को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली सरकार को बिजली कंपनियों के खाते ऑडिट कराने का अधिकार नहीं है सुनवाई के दौरान स्पेशल बेंच ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की उस जनहित याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें बिजली कंपनियों के खातों का ऑडिट करने की अपील की गई थी । दरअसल दिल्ली सरकार ने राजधानी की तीनों बिजली कंपनियों की उस याचिका के विरूद्ध याचिका दायर की थी, जिसमें टाटा पावर की टीपीडीडीएल,रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की बीएसईएस राजधानी पावर और बीएसईएस यमुना पावर ने दिल्ली सरकार के कैग आडिट के निर्णय को चुनौती दी थी ।
इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष का कहना है कि उच्च न्यायालय के इस फैसले से दिल्लीवासियों को सस्ती बिजली मिलने की उम्मीद को झटका लगा है। बिजली कंपनिया इस मामले को कानूनी दांव पेंच में उलझा कर लोगों को सस्ती बिजली देने से दूर रखना चाहती है। उन्होंने सवाल किया कि बिजली कंपनियां कैग से ऑडिट क्यों नहीं करवाना चाहती हैं । आशुतोष ने कहा कि अदालत के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी । इस मुददे पर दिल्ली सरकार का कहना है कि इस निर्णय से आमआदमी का हित जुडा है इसीलिए सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रही है ।

 

 

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