57 हजार की कुर्सी पर बैठते ही बिल्डर बन जाता था चपरासी

Update: 2014-09-03 00:00 GMT

ग्वालियर। कार्यालय में चपरासी का काम फाइलें उठाकर रखना, पानी पिलाना, अधिकारी के कहने पर फोटो कॉपी कराने जैसा होता है। अपेक्स बैंक के चपरासी के रूप में कुलदीप यह काम करता था या नहीं यह तो बैंक के अधिकारी ही बता सकते हैं, लेकिन इसकी शान और विलासिता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके आलीशान मकान के एक कमरे में इसका संपत्ति खरीद-बिक्री संबंधी कार्यालय बना है। इस कार्यालय में रखी इसकी कुर्सी की कीमत ही 57 हजार रुपये है। कार्यालय में इस महंगी कुर्सी पर बैठकर कंडीशनर की ठंडी हवा खाते ही चपरासी के पद वाला कुलदीप बिल्डर बन जाता है।

पूर्व मंत्री की कृपा से बना था चपरासी, अब उनसे भी ज्यादा संपत्ति
अपेक्स बैंक के चपरासी कुलदीप यादव के परिजनों के अनुसार उसे पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव ने सहकारी बैंक में चपरासी बनवाया था। खास बात यह है कि पूर्व मंत्री श्री यादव के पास भी इतनी संपत्ति शायद ही हो जितनी संपत्ति का अब तक इसके पास होने का पता चल चुका है। पूर्व मंत्री से संबंधों का खुलासा आरोपी चपरासी कुलदीप यादव की दोनों बहनों ने किया। दोनों ही बहनों की शादी हो चुकी है तथा ग्वालियर में ही इनकी ससुराल है। भाई के घर छापे की खबर सुनकर दोनों भाई के घर आईं थीं। 'स्वदेश' संवाददाता से सामान्य चर्चा में दोनों बहनों ने बताया कि भगवान सिंह यादव उनके पिता के अच्छे दोस्त थे। पिता की दोस्ती के नाते ही उन्होंने छोटे भाई को नौकरी पर लगवाया था।

करोड़पति चपरासी का मोबाइल बैलेंस जीरो
जिस समय लोकायुक्त टीम ने छापा मारा करोड़पति चपरासी कुलदीप यादव शहर से बाहर नाथद्वारा दर्शन करने गया हुआ था। सुबह सबेरे 6 बजे भारी मात्रा में पुलिस दरवाजे पर खड़ी देखकर पत्नी घबरा गई। डीएसपी लोकायुक्त द्वारा अपना परिचय देने पर भी दरवाजा नहीं खोला गया। चूंकि पति घर पर नहीं था तो पत्नी ने उसे मोबाइल लगाकर बात करना चाही, लेकिन बात नहीं हो सकी। पता चला कि कुलदीप के मोबाइल में टॉक टाइम बैलेंस खत्म हो गया है। हालांकि समझाइश देने के बाद उसने गेट खोल दिया। बाद में कुलदीप की पत्नी ने ग्वालियर से उसका मोबाइल चार्ज कराया तब उसकी पति से बात हो सकी।

करोड़पति की पत्नी स्टाम्प बैण्डर
लोकायुक्त पुलिस को कुलदीप के घर छापे में उसकी पत्नी मधु के नाम का स्टाम्प बैण्डर का पंजीयन मिला है। हालांकि बाद में पता चला कि पत्नी के नाम के पंजीयन पर उसका साला नन्दू स्टाम्प बेचने का काम करता है।
संपत्ति अभी और भी!
लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को कुलदीप के घर छापा तो अचानक डाला लेकिन उसके विरुद्ध इस शिकायत की जांच लम्बे समय से चल रही थी। इसकी जानकारी स्वयं कुलदीप तथा उसके सभी परिजनों व स्टाफ को थी। लोकायुक्त पुलिस का मानना है कि चूंकि जांच एवं कार्रवाई लम्बे समय से चल रही थी इस कारण और अधिक चल संपत्ति एवं अचल संपत्ति संबंधी दस्तावेज संबंधित आरोपी द्वारा छुपाए भी जा सकते हैं। 

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