सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने उच्चत्तम न्यायालय में दाखिल किया हलफनामा

Update: 2014-09-12 00:00 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक रंजीत सिन्हा ने कोयला घोटाले मामले से जुड़े लोगों के अपने घर मिलने वाले मामले में आज उच्चत्तम न्यायालय के समक्ष बंद लिफाफै में अपना हलफनामा दाखिल किया। गौरतलब हो कि उच्चत्तम न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक रंजीत सिन्हा के घर पर रखे आगंतुक रजिस्टर की सूची को ‘गंभीर’ बताते हुए उन्हें इन आरोपों के बारे में लिखित में ‘साफ-साफ’ जवाब देने का निर्देश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय गत सप्ताह पहले जांच ब्यूरो के निदेशक के इस कथन पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा था कि वह इस मामले में कोई हलफनामा दाखिल नहीं करें वह आरोपों का जवाब मौखिक ही दें। उस समय न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था कि हलफनामे में प्राक्कथन गंभीर हैं और सीबीआई निदेशक यह नहीं कह सकते कि वह हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे। सिन्हा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था कि वह हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहते हैं क्योंकि इसका असर 2जी स्पेक्ट्रम मामले के मुकदमे पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय को इस सूचना के स्रोत की जानकारी प्राप्त किए बगैर मामले को नहीं सुनना चाहिए क्योंकि इसमें कही गयी बातें विशेषाधिकार वाले संदेश और सीबीआई की अत्यधिक गोपनीय फाइल की टिप्पणों पर आधारित हैं। पिछली सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों ने सवाल किया था कि मामले के गुणदोष पर आपको हलफनामा दाखिल करने से कौन रोक रहा है। आप जो कुछ भी कहना चाहते हैं, हमें साफ साफ बताइए। इसके बाद जांच ब्यूरो के निदेशक सीलबंद लिफाफे में एक हलफनामा दाखिल करने के लिये सहमत हो गए थे।

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