आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव

Update: 2014-08-05 00:00 GMT

नई दिल्ली | आरबीआई ने नीतिगत ब्याजदरों को पहले के स्तर पर बनाए रखने का फैसला किया है । वहीं, सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गई है और अब एसएलआर 22 प्रतिशत हो गया है। सीआरआर चार प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट सात प्रतिशत पर स्थिर हैं । बैंक रेट नौ प्रतिशत और एमएसएफ रेट नौ प्रतिशत पर कायम है ।आरबीआई ने एचटीएम सीमा घटाकर 24 प्रतिशत कर दी है । आरबीआई के मुताबिक ग्रोथ में बढ़ोतरी कायम रही तो वित्त वर्ष 2015 में 5.5 प्रतिशत की जीडीपी हासिल कर सकेंगे । 2015 की शुरुआत में महंगाई दर आठ प्रतिशत रहने का अनुमान है । जनवरी 2016 तक महंगाई दरछह प्रतिशत तक लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि ग्रोथ में सुधार के चलते एसएलआर में कटौती उचित है। दरअसल क्रेडिट मांग ज्यादा नहीं होने पर ही एसएलआर में कटौती का सही समय होता है । एसएलआर में कटौती से बैंक प्राइवेट सेक्टर को और ज्यादा कर्ज दे सकेंगे । बैंक प्रोडक्टिव सेक्टरों को और कर्ज दे पाएंगे।
रघुराम राजन ने बताया कि जल्द ही टर्म रेपो ऑक्शन नियमों में बदलाव का ऐलान किया जाएगा । छोटी अवधि के टर्म रेपो करने पर विचार कर रहे हैं। कॉल मनी मार्केट का वॉल्यूम काफी कम है और उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा है। ओवरनाइट रेट आठ प्रतिशतके करीब ही रखेंगे। बीओपी और सरकारी खर्चों में उतार-चढ़ाव के कारण लिक्विडिटी में असंतुलन हुआ है। ऐसे में सरकार के वित्तीय घाटे को कम करने के लक्ष्य पर सवाल उठाना गलत है। रघुराम राजन के मुताबिक अगली आरबीआई पॉलिसी का ऐलान 30 सितंबर को होगा।



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