असम में बाढ़ का तांडव, सैकड़ों गांव पानी में डूबे

Update: 2014-08-18 00:00 GMT

गुवाहाटी । देश के अन्य राज्यों की तरह असम में भी बाढ़ ने विभत्स रूप धारण कर लिया है। जिसके चलते सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। बाढ़ प्रभावित लोग गांव छोड़कर सुरक्षित इलाकों में पलायन कर गए हैं। वहीं कई इलाकों का सड़क मार्ग पूरी तरह से टूट गया है। राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य तेज कर दिया है। प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन की ओर से राहत शिविर खोले गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य की प्रमुख नद व नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार चुका है। जिसमें ब्रह्मपुत्र, सुवनसिरी, डिब्रूसैखोवा समेत अन्य नदियां विकराल रूप धारण कर चुकी हैं। सूत्रों ने बताया कि नगांव जिला के कामरूप राजस्व चक्र के 60 गांव, कलगछिया के 20 गांव, लखीमपुर जिला के 80 गांव, माजुली नदी दीप के 30 गांव, धेमाजी जिला के 30 गांव के अलावा नीचले असम के धुबड़ी समेत अन्य कई जिलों के गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अभ्यारण्य काजीरंगा का 50 प्रतिशत से अधिक इलाका बाढ़ के पानी में डूब गया है। जिसके चलते जंगली जीव ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करते समय कई जंगली जीवों की वाहनों की चपेट में आकर मौत भी हुई है। वहीं दूसरी ओर मोरीगांव जिला में स्थित पोबितरा अभ्यारण्य के अधिकांश इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने संबंधित विभाग से बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। वहीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना व अन्य एजेंसियां बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत पहुंचाने के कार्य में जुटी हुई हैं। इस बार के बाढ़ में एक बच्चा समेत पांच से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

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