क्या राष्ट्र का पिता अथवा पति हो सकता है?
मुझे एक बात सदा खटकती है। क्या किसी राष्ट्र देश का कोई पिता अथवा पति हो सकता है। क्या उक्त बात समय के साथ प्रासंगिक है अथवा नहीं तब हम अप्रासंगिक बातों को क्यों व्यर्थ ढो रहे हैं। गलत बात को अब तक सुधारा क्यों नहीं गया।
हमारे देश में महात्मा गांधी को ''राष्ट्रपिता'' कहा जाता है। क्या महात्मा गांधी के जन्म से पूर्व देश नहीं था अथवा महात्मा गांधी से काविल व्यक्तित्व नहीं था, जिसे राष्ट्रपिता कहा जा सकता, लेकिन प्राचीन प्रज्ञावान भारतीय मनीषियों ने कभी ऐसी मूर्खता पूर्ण उपाधि से नहीं नवाजा। कोई भी व्यक्तित्व राष्ट्र से ऊपर नहीं हो सकता, राष्ट्र का सपूत तो हो सकता है पिता नहीं, दूसरी बात राष्ट्रपति, क्या कोई भी व्यक्तित्व राष्ट्र का पति हो सकता है। राष्ट्र के मुखिया के तौर पर राष्ट्राध्यक्ष होना चाहिए कोई भी राष्ट्रपिता अथवा पति नहीं हो सकता, उपरोक्त संवैधानिक पद अथवा उपाधियों को सिरे से खारिज कर देना चाहिए। अगर कुछ गलत चल रहा है तो उसे सुधार करना भी हमारा कर्तव्य है। भूल सुधार लेना ही समझदारी हो सकती है। राष्ट्र देवता के ऊपर कोर्ई व्यक्तित्व नहीं हो सकता है।
कुंवर वीरेन्द्र सिंह विद्रोही, ग्वालियर