भगवान जगन्नाथ की 137वीं रथयात्रा शुरू, प्रधानमंत्री ने दी बधाई

Update: 2014-06-29 00:00 GMT

अहमदाबाद | जमालपुर इलाके में स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर से सुबह भगवान जगन्नाथ की 137 वीं रथयात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर लोगों को बधाई दी है और देश में शांति, समृद्धि और बारिश के लिए प्रार्थना की है। सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, हाथियों ने पहले भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए और रथयात्रा की अगुवाई करते हुए शहर के विभिन्न मार्गों’ से गुजरे। रथयात्रा की शुरूआत 400 साल से अधिक पुराने मंदिर से हुई। यात्रा शहर के करीब 14 किमी मार्ग से गुजरेगी। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी पटेल ने रथयात्रा के लिए ‘सोने की झाड़ू’ से ‘पाहिन्द विधि’ संपन्न की। इसमें भगवान जगन्नाथ के रथ के लिए मार्ग की प्रतीकात्मक सफाई की जाती है।
आनंदीबन पटेल ने ट्विटर पर लिखा, ‘आषाढ़ी दूज (हिंदुओं के माह आषाढ़ में अमावस्या के दूसरे दिन) को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरूआत के लिए पहिन्द विधि संपन्न की।’ पहिन्द विधि संपन्न करने के बाद आनंदी पटेल ने कहा कि उन्होंने इस मौके पर गुजरात के लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘गुजरात की जनता के कल्याण के लिए कामना की। भगवान जगन्नाथ हम सभी को अपना आशीर्वाद दें।’
गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री ने भी रथ को खींचा, जिसके बाद भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलदेव और बहन सुभद्रा की यात्रा आगे बढ़ी। यह यात्रा सारसपुर में कुछ देर के लिए रूकती है, जहां स्थानीय लोग ‘महाभोज’ देते हैं। शहर का सारसपुर इलाका भगवान जगन्नाथ के मामा का घर माना जाता है इस वजह से सारसपुर का धार्मिक महत्व भी है। रथ यात्रा महोत्सव आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनायी जाती है। इस महीने को आषाढ़ बिज के नाम से भी जाना जाता है।
शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा संपन्न हो, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शहर से और शहर के बाहर से लाखों लोग रथयात्रा में शरीक होते हैं। चुस्त दुरुस्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूरी यात्रा पुराने शहर के कालूपुर, प्रेम दरवाजा, दिल्ली चकला, दरियापुर और शाहपुर जैसे संवेदनशील स्थानों से होते हुए कुल 127 स्थानों से गुजरेगी।
शहर में सांप्रदायिक सौहाद्र्र बिगाड़ने के किसी भी तरह के प्रयास को रोकने के लिए पुलिस ‘नेत्र’ मानवरहित विमान (यूएवी) के जरिए संवेदनशील स्थानों पर निगरानी करेगी। यात्रा में 18 हाथी, 100 ट्रक, 30 धार्मिक समागम, 18 गायक दल, तीन रथ और सात वाहन शामिल हैं।
समारोह के लिए भारी संख्या में राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की नियुक्ति की गई है। सुरक्षा के लिए आठ महानिरीक्षक और उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी, 39 पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी, 76 पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी, 222 पुलिस इंस्पेक्टर, 759 पुलिस सब इंस्पेक्टर, 266 महिला पुलिस, 12,050 कांस्टेबल के अलावा गुजरात राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपी) की 36 कंपनियां शामिल हैं।
यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की कई कंपनियों के साथ-साथ 4,500 होमगार्डों की तैनाती भी की गई है। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर 80 सीसीटीवी कैमरों के जरिए यात्रा के दौरान के घटनाक्रमों पर सीधे तौर पर नजर रखी जाएगी। मुख्य नियंत्रण कक्ष से पुलिस इन सीसीटीवी कैमरों के जरिये नजर रखेगी।

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