सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को उच्चतम न्यायालय से मिली सशर्त जमानत

Update: 2014-03-26 00:00 GMT

नई दिल्‍ली | सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को जमानत देने के लिए उच्चतम न्यायालय ने  अपनी सहमति दे दी है। जमानत के एवज में शीर्ष कोर्ट ने शर्त लगा दी है। मामले की सुनवाई कल तक यानी गुरुवार तक टल गई है। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को जमानत देने के लिए कुल दस हजार करोड़ रुपये जमा करने की बात कही है। सहारा की ओर से निवेशकों को पैसे लौटाने को लेकर कोर्ट में पेश किए गए नए फार्मूले पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार किया। इसके बाद, कोर्ट ने सहारा प्रमुख को जमानत देने के लिए 5000 करोड़ रुपये नकद और 5000 करोड़ रुपये बैंक गारंटी जमा करने की बात कही। कोर्ट ने अपनी टिप्‍पणी में कहा कि कुल दस हजार करोड़ रुपये जमा होने पर उन्‍हें जमानत दे दी जाएगी। ऐसे में गुरुवार को सुब्रत रॉय को जमानत मिल सकती है।
इससे पहले, सहारा समूह ने अपने मुखिया सुब्रत राय को छुड़ाने के लिए के लिए बीते दिनों निवेशकों का 20 हजार करोड़ रुपये सेबी के पास जमा कराने के बारे में सुप्रीम कोर्ट में एक नया प्रस्ताव पेश किया था। सहारा प्रमुख रॉय और समूह के दो निदेशक चार मार्च से न्यायिक हिरासत में दिल्ली के तिहाड़ कारागार में हैं।
सहारा समूह ने मंगलवार को शीर्ष अदालत को भरोसा दिया कि वह तीन कार्यदिवसों में 2500 करोड़ रुपये जमा कर देगा। उसके बाद 3500-3500 करोड़ रुपये की तीन किस्तें जून, सितंबर और दिसंबर के अंत तक जमा करा दी जायेंगी। शेष सात हजार करोड़ रुपये 31 मार्च, 2015 तक जमा करा दिए जाएंगे। इस पर न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की पीठ ने इस प्रस्ताव को रिकार्ड पर लेने से इंकार करते हुए कहा कि सहारा समूह को यह दस्तावेज पहले रजिस्ट्री में दाखिल करना होगा और इसके बाद ही वह इस पर विचार करेंगे।
सहारा समूह ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि वह किसी भी बकाया राशि के लिये अपर्वितनीय बैंक गारंट देने के लिये तैयार है। सहारा समूह ने न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि उसे कंपनियों के जब्त किये गये बैंक खातों के संचालन की अनुमति दी जाए। समूह ने इससे पहले इसी तरह के प्रस्ताव में कहा था कि वह तीन दिन के भीतर 2500 करोड़ रुपये नकद जमा कराने के लिये तैयार है और शेष 14,900 करोड रुपये का भुगतान पांच किस्तों में जुलाई, 2015 तक कर दिया जाएगा। समूह का तर्क है कि सिर्फ 15,400 करोड़ रुपये की ही देनदारी चुकानी शेष है।

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