सहारा ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

Update: 2014-03-12 00:00 GMT

नई दिल्ली | सहारा समूह ने अपने मालिक सुब्रत राय की हिरासत को अवैध करार देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। सुब्रत को उनकी दो कंपनियों एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल द्वारा निवेशकों से वैकल्पिक रूप से परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिये एकत्र 19,000 रुपये लौटाने के मामले में हिरासत में लिया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी.सतशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी अनुरोध पर मामले की सुनवाई के लिए बुधवार अपराह्न् दो बजे का समय निर्धारित किया है।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति के.एस.राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे.एस. केहर की पीठ ने सुब्रत को निवेशकों के रुपये की वापसी के लिए स्वीकार्य प्रस्ताव पेश नहीं किए जाने के कारण चार मार्च को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।

Similar News