जनमानस

Update: 2014-02-05 00:00 GMT

सरकारी विज्ञापन रूपी रिश्वत और भ्रष्टाचार


कुछ ही माह बाद लोकसभा के चुनाव होने हैं आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी विज्ञापन नहीं छप सकेंगे। इसलिए इस समय हर मंत्रालय और विभाग आधे-आधे पृष्ठों के विज्ञापन छपवा रहे हैं। इनमें कुछ सूचनाओं के साथ सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और उनके मंत्रियों के फोटो भी छपते हैं। पाठक सूचना को पढ़ते नहीं है लेकिन नेताओं की फोटो जरूर देखते हैं। इससे सरकारी खर्चे पर नेताओं का प्रचार हो रहा है जिसे सरकार तो भ्रष्टाचार नहीं मानती जिस तरह से नेता अन्य करोड़ों रुपयों की सुविधाओं का लाभ उठाते हैं उसी प्रकार यह काम भी कर रहे हैं। अखवार वालों को दाना डाला जा रहा है जिससे वह पक्ष में न लिखें तो कम से कम आलोचना न करें। हमारे नेताओं के ऐसे आचरण की ओर भी हमारी न्यायपालिका ही कोई कदम उठा सकती है। जनता न्यायपालिका की ओर ही आशा लगाए है।
                

                                                                             लालाराम गांधीनगर

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