अव्यवस्थाएं देख नाराज हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी रेलवे

Update: 2014-12-08 00:00 GMT

अस्पताल का किया औचक निरीक्षण

ग्वालियर। रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीकारी ने रविवार को रेलवे के स्थानीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल परिसर में व्याप्त अव्यवस्थाओं और अनियमिताओं पर उन्होंने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए चिकित्सकों को कड़ी फटकार लगाई।
जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह करीब 12:30 बजे इलाहाबाद से आए मुख्य चिकित्सा अधिकारी पदम सिंह ने रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को देखते हुए नाराजीगी प्रगट की। अस्पताल में स्टाफ की कमी पर उन्होंने जल्द से जल्द स्टाफ की पूर्ति करने को कहा। अस्पताल से मरीजों को दवा कम मिलने पर और कुछ दवाएं अस्पताल में न होने पर उनकी जल्द से जल्द पूर्ति करने का आश्वासन दिया। वही श्री सिंह का कहना था कि पॉलीक्लीनिक अस्पताल के र्जजर हो रहे भवन का उपयोग करने के लिए वह जल्द ही डीआरमए से चर्चा कर संसाधन जुटाएंगे और अस्पताल के विस्तार की योजना पर कार्य करेंगे।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने रखी समस्याएं:- रेलवे की सेवा से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों ने भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि चिकित्सक उनका उपचार करने से माना करते हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सक हिमांशू शर्मा बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों का उपचार करने से मना कर देते हैं। एक्सरा करने वाला कर्मचारी अस्पताल में कभी भी उपस्थित नहीं होता है। ड्रेसर न होने से सफाई कर्मचारी को ड्रेसिंग करनी पड़़ती है। वहीं बहते खून को रोकने की दवा अस्पताल में नहीं है। अस्पताल में पीने का शुद्ध पानी नहीं मिलता है। शाम होते ही अस्पताल में आसमाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है।
कर्मचारी प्रतिनिधि मण्डल ने की मुलाकात:- एनईआरईएस के एक प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री सिंह को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। उनका कहना था कि अस्पताल में स्टॉफ की कमी के कारण मरीजों को ठीक ढंग से उपचार नहीं मिल पता है। उन्होंने बताया कि दवाओं की हमेशा कमी रहती है। बिरला अस्पताल में जाने पर काफी परेशानी का सामना करना होता है। यदि ट्रेन को अटेन्ड करना हुआ तो एक चिकित्सक होने से अस्पताल में आने वाले मरीजों की देख-भाल नहीं हो पाती है। इसके साथ साथ ग्वालियर-श्योपुर के बीच में कार्य करने वाले रेलवे कर्मचारियों के उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल से अनुबंध करने की मांग भी की। इसके अलावा अस्पताल में सीटी स्केन, एमआरआई एवं खून की जांच कराने की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। उसके लिए निजी संस्थानों से अनुबंध करने की मांग भी की। प्रतिनिधि मण्डल का कहना था कि यह मांगें मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मान ली गई हैं। प्रतिनिधि मण्डल में एस.के. सिंह, राजेश त्रिपाठी, अरुण कुमार, पी.टी. माथुर एवं ज्ञानेन्द्र सिंह शामिल थे। 

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