रुपए की गिरावट पर सुब्बाराव ने सरकार पर साधा निशाना

Update: 2013-08-30 00:00 GMT

मुंबई | रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने सेवानिवृति से पहले अपने आखिरी सार्वजनिक संबोधन में मौजूदा आर्थिक हालात के लिये सीधे सरकार की ढुलमुल वित्तीय नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और चेतावनी देते हुये कहा कि रुपये के अवमूल्यन के पीछे घरेलू संरचनात्मक कारक ही मूल वजह हैं। सुब्बाराव ने कहा कि हालांकि, रुपये में गिरावट का समय और उसकी रफ्तार के पीछे अमेरिका के फेडरल रिजर्व की घोषणा पर बाजार की त्वरित प्रतिक्रिया ही रही है, लेकिन हम यदि यह नहीं मानेंगे कि समस्या की असली वजह घरेलू कारक हैं तो हम इसके निदान और इलाज दोनों ही मामले में रास्ते से भटक जायेंगे।
उन्होंने कहा कि यह कहना भ्रामक होगा कि रुपये में गिरावट हाल में अमेरिका की फेडरल रिजर्व द्वारा की गई घोषणा की वजह से आई है, इसकी वजह से डालर के मुकाबले रुपये हाल ही में 23 प्रतिशत तक गिर गया। रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर सुब्बाराव का कार्यकाल अगले सप्ताह समाप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि रुपये के अवमूल्यन के बारे में ऐसी धारणा बढ़ती जा रही है कि यह सब अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा नकदी विस्तार की अपनी मौद्रिक नीति में धीरे धीरे सख्ती लाने की घोषणा से हुआ है। मेरा मानना है कि इस तरह का निष्कर्ष भ्रामक है।
सुब्बाराव ने माना कि देश की आर्थिक वृद्धि में सुस्ती की कुछ वजह रिजर्व बैंक की सख्त मौद्रिक नीति भी रही है लेकिन उन्होंने कहा भारत की आर्थिक गतिविधियों में धीमापन आने की काफी कुछ वजह आपूर्ति पक्ष की अड़चनों और प्रशासन से जुड़े मुद्दे रहे हैं जो कि पूरी तरह से रिजर्व बैंक के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।

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