कोलकाता | ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेले जाने वाले मैच के बाद यह पता चल जाएगा कि कौन सी टीम 26 मई को होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सत्र के फाइनल मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स का सामना करेगी और कौन घर का रास्ता नापेगी।
राजस्थान ने बुधवार को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए एकमात्र एलिमिनेटर मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद को पराजित किया था। दूसरी ओर, मुम्बई इंडियंस को कोटला में ही खेले गए पहले क्वालीफायर में सुपर किंग्स के हाथों करारी शिकस्त मिली थी। राजस्थान को स्पॉट फिक्सिंग मामले के उजागर होने के बाद अपने अंतिम लीग मैच में सनराइजर्स के हाथों हैदराबाद में हार मिली थी। उस हार के बाद लगा था कि यह टीम एक लिहाज से चुक गई है क्योंकि अपने तीन साथियों की गिरफ्तारी के बाद अब राजस्थान के खिलाड़ियों का मनोबल उस स्तर तक कभी नहीं पहुंच पाएगा, जो जीत के लिए जरूरी होती है लेकिन राजस्थान के बाकुंरों ने 'हल्ला बोलते' हुए न सिर्फ जीत हासिल की बल्कि यह भी दिखा दिया कि वे किसी भी हाल में क्रिकेट को बदनाम करने वालों के साथ नहीं।
मुम्बई को भी अपने अंतिम लीग मैच में किंग्स इलेवन के हाथों हार मिली थी। उस हार के बाद उससे क्वालीफायर में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी क्योकि वह मैच जीतकर सीधे फाइनल में पहुंच सकता था लेकिन सुपर किंग्स ने उसे हर लिहाज से दोयम साबित किया।
अब मुम्बई को फाइनल में स्थान बनाने के लिए अपना श्रेष्ठ खेल दिखाना होगा क्योंकि किंग्स इलेवन और सुपर किंग्स के खिलाफ उसका प्रदर्शन औसत से भी कम रहा था। मुम्बई के रणनीतिकार जानते हैं कि इस प्रदर्शन के दम पर वे फाइनल में नहीं पहुंच सकते।
सनराइजर्स के खिलाफ राजस्थान का खेल स्तरीयन नहीं रहा था। उसके गेंदबाजों ने तो अच्छा खेल दिखाया था लेकिन बल्लेबाजों ने निराश किया था। कई बल्लेबाजों ने तो बिना कारण के विकेट गंवाए। ब्रैड हॉज (नाबाद 54) ने अगर आतिशी पारी नहीं खेली होती तो आज क्वालीफायर में उनकी जगह सनराइजर्स होते।
राजस्थान टीम के कप्तान और मेंटर राहुल द्रविड़ अपनी टीम की कमियों और मजबूतियों को अच्छी तरह जानते हैं। वह कोलकाता में इस मौसम में कई बार खेल चुके हैं और ऐसे में वह अपनी टीम को हालात के मुताबिक ढलने के साथ-साथ अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित कर रहे होंगे। मुम्बई के पास धाकड़ बल्लेबाज और स्तरीय गेंदबाज हैं और इन सबसे पार पाने के लिए राजस्थान को एक बार फिर पूरी तैयारी के साथ मैदान पर 'हल्ला बोलना' होगा क्योंकि जरा सी भी शंका उसका काम खराब कर सकती है। द्रविड़, अजिंक्य रहाणे, स्टुअर्ट बिन्नी और हॉज को फिर से अपना क्लास दिखाना होगा क्योंकि बड़े स्कोर के बिना वे मुम्बई को पछाड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते। जेम्स फॉल्कनर के रूप में राजस्थान के पास एक स्तरीय गेंदबाज है। इसके अलावा सिद्धार्थ त्रिवेदी और सनराइजर्स के खिलाफ दो विकेट हासिल करने वाले विक्रमजीत मलिक भी अपनी टीम को सफलता दिलाने की काबिलियत रखते हैं। राजस्थान को मुख्य तौर पर मुम्बई के कीरन पोलार्ड, ड्वेन स्मिथ और रोहित शर्मा जैसे धुआंधार बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने से रोकना होगा। दूसरी ओर, मुम्बई का एकमात्र लक्ष्य द्रविड़, रहाणे, बिन्नी और हॉज को सस्ते में समेटते हुए अपनी टीम को बड़े स्कोर से जूझने की सम्भावना से बचाना होगा। उनके पास लसिथ मलिंगा, मिशेल जानसन और मुनाफ पटेल जैसे अनुभवी गेंदबाज हैं, जो इस काम को बखूबी अंजाम दे सकते हैं।